रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज यहां दीनदयाल ऑडिटोरियम में सर्व आदिवासी समाज द्वारा आयोजित विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, गृह निर्माण मण्डल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह, विधायक सत्यनारायण शर्मा और बृजमोहन अग्रवाल, सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में सामाजिक बंधु उपस्थित थे।
पेसा कानून लागू होने से बढ़ेगा ग्राम सभा का अधिकार
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि पेसा कानून पहले से अस्तित्व में था लेकिन इसके नियम नहीं बनने के कारण इसका लाभ आदिवासियों को नहीं मिल पा रहा था। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में पेसा अधिनियम को लेकर नियम बन चुका है और इसके लिए आठ अगस्त को राजपत्र में प्रकाशन भी किया जा चुका है। इससे आदिवासी अपने जल-जंगल-जमीन के बारे में खुद फैसला ले सकेंगे।
आदिवासियों का हो रहा है आर्थिक सशक्तिकरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार 65 प्रकार के लघु वनोपज खरीद रही है और इससे आदिवासियों का आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है, यही वजह है कि बस्तर और सरगुजा के आदिवासी अपने गांवों के लिए बैंक खोलने की मांग कर रहे हैं।
आदिवासियों के स्वास्थ्य के लिए राज्य सरकार लगातार काम कर रही है और इसी का नतीजा है कि मलेरिया के मामलों में 65% कमी आई है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक से भी लाखों लोग लाभांवित हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि शिक्षा के मामले में भी हम आगे बढ़ रहे हैं, हमने बस्तर के 300 बंद स्कूलों को शुरू करने का काम किया है और शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए राज्य में 10 हजार नए शिक्षकों की भर्ती भी होने जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिम संस्कृति छत्तीसगढ़ की पहचान है और आदिवासियों का आजादी की लड़ाई में बड़ा योगदान रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आदिवासियों के सारे योगदान को सहेज कर रखना चाहते हैं और इसके लिए भाषा, संस्कृति सभी कुछ सहेजने का काम किया जा रहा है।