जिंदगी की जंग के मैदान में उम्र नहीं हौसला देखा जाता है-दिलीप मोहंती



भिलाई। श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी भिलाई द्वारा आयोजित साप्ताहिक “विद्यारंभम” कार्यक्रम के चौथे दिन के पहले सत्र में विद्यार्थियों के लिए मोटिवेशनल स्पीच एवं जलवायु परिवर्तन पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया आयोजन में मोटिवेशनल स्पीकर दिलीप मोहंती, प्रेसिडेंट एचआर, जायसवाल निक्को रायपुर द्वारा मोटिवेशनल स्पीच दिया गया. उन्होंने कहा कि मनुष्य की जिंदगी में सुख और दुख तो लगा ही रहता है, लेकिन दुख के समय में कई लोग बुरी तरह टूट जाते हैं, और आगे बढ़ने की उम्मीद छोड़ देते हैं। ऐसे समय में उन लोगों को कई बार मोटिवेशन अर्थात प्रेरणा की जरूरत होती है। वहीं छात्रों के जीवन में भी पढ़ाई का और अच्छे अंक लाने का काफी टेंशन रहता है। वहीं कई बार तो पढ़ाई करने के बाद भी अच्छे नंबर नहीं आते हैं या फिर उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता है, बल्कि खेलकूद अथवा अन्य गतिविधि में लगता है, जिसकी वजह से वे बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। ऐसे समय में छात्रों के अंदर प्रेरणादायक भाषणों के माध्यम से सही मार्गदर्शन करने और उनके अंदर आगे बढ़ने का जज्बा कायम किया जाता है।वहीं आज हम अपने इस लेख में आपको ऐसे ही प्रेरणादायक भाषण उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसकी सहायता से छात्रों के अंदर आगे बढ़ने का जज्बा बढ़ेगा और अपनी जिंदगी कुछ हासिल करने की भावना का विकास हो। श्री मोहंती ने कहा कि फिलहाल, हम सभी को हमने काम के प्रति ईमानदार रहना चाहिए और एक सच्चे दृढ़संकल्प के साथ आगे बढ़ना चाहिए, तभी हम अपनी जिंदगी में सफल हो सकते हैं और सफलता की नई ऊंचाइयों को हासिल कर सकते हैं। वहीँ जलवायु परिवर्तनपर डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव, विभागाध्यक्ष, भूविज्ञान विभाग, हेमचंद विश्वविद्यालय, दुर्ग ने अपने उद्बोधन में कहा कि जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक समस्या है। प्राकृतिक कारकों के अलावा, मानव गतिविधियों ने भी इस परिवर्तन में प्रमुख योगदान दिया है। मनुष्य प्राकृतिक कारणों को तो नियंत्रित नहीं कर सकता लेकिन वह कम से कम यह तो सुनिश्चित जरूर कर सकता है वह वातावरण पर नकारात्मक प्रभाव डालने वाली अपनी गतिविधियों को नियंत्रण में रखे ताकि धरती पर सामंजस्य बनाया रखा जा सके। उन्होंने बताया कि मौसम की स्थिति प्रतिदिन खराब होती जा रही है। ऊपर बताए गए प्राकृतिक कारकों की वजह से जलवायु पर हो रहे नकारात्मक प्रभाव को तो नियंत्रित नहीं किया जा सकता है, लेकिन, वैसी मानवीय गतिविधियां जो वायु, स्थल एवं जल प्रदूषण का कारण हैं और जो जलवायु पर नकारात्म प्रभाव डालती हैं उनपर प्रतिबंध जरूर लगाया जा सकता है। इस वैश्विक समस्या को नियंत्रित करने के लिए हममें से प्रत्येक को अपना योगदान देना चाहिए। इस अवसर पर यूनिवर्सिटी के कुलसचिव पी.के. मिश्रा ने कहा आज विश्वस्तरीय जलवायु परिवर्तन से सम्पूर्ण विश्व चिन्तित है, शहरों के तेज गति से फैलाव से उसका असर और गहरा हो रहा है। विशेषकर भारत के सभी महानगर एवं छोटे शहर भी शहरीकरण से प्रभावित होते दिखाई दे रहे हैं। जलवायु परिवर्तन से सागर के किनारों पर बसे महानगरों में बाढ़ का खतरा हमेशा बना रहता है, ऋतु में बदलाव के कारण तापमान में वृद्धि हो रही है, जिससे ग्लेशियर पिघल रहे हैं तथा महासागरीय जलस्तर में वृद्धि हो रही रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि जलवायु में परिवर्तन के लिए हम सभी जिम्मेदार हैं। इसके दुष्परिणामों के प्रति जनता को जमीनी स्तर पर जागरूक करने की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने बताया की शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी ग्रीन कैम्पस क्लीन कैम्पस को आत्मसात कर कार्य कर रही हैं। कार्यक्रम के दुसरे सत्र में डॉ. प्राची निमजे, अधिष्ठाता छात्र कल्याण के संयोजन एवं निकिता उपाध्याय, सहायक प्राध्यापक, प्रबंधन विभाग के सह-संयोजन में सीनियर्स एवं जूनियर विद्यार्थियों ने रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने हिंदी एवं वेस्टर्न गानों पर शानदार डांस किया व बैंड ग्रुप ने अपने गानों से दर्शकों को जमकर झुमाया। कार्यक्रम का संचालन प्रबंधन विभाग के विद्यार्थियों ने किया व आभार प्रदर्शन उप-कुलसचिव विनय पिताम्बरन द्वारा किया गया। इस अवसर पर यूनिवर्सिटी परिवार के विद्यार्थियों, कर्मचारियों एवं अधिकारियों की सक्रीय सहभागिता रहीं।

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