“बच्चा चोर” बताकर रायपुर की भीड़ ने महिला को पकड़ा, उतई में मानसिक विक्षिप्त को भीड़ ने बेदर्दी से पिटा

रायपुर। छत्तीसगढ़ के अनेक स्थानों से बच्चा चोर गिराेह सक्रिय होने की आ रही है। खबर राजधानी रायपुर से भी आई है। 5 अक्टूबर को भिलाई 3 चरोदा से बच्चा चोर की आशंका भीड़ ने साधुओं पर जानलेवा हमला किया। वैसा ही कुछ बवाल रायपुर के गोलबाजार थाने से उस वक्त सुनाई दिया जब यहां एक महिला को भीड़ बच्चा चोर बताकर ले आई है।

दरअसल यह बवाल तब मचा जब लोगों को शक हुआ कि एक महिला के साथ दिख रहे बच्चें महिला से मेल नहीं खा रहे थे। बाजार में मौजूद लोगों को लगा कि ये उसकी रिश्तेदार तो नहीं हो सकती, महिला को भीड़ ने पकड़ लिया। बाजार में हंगामा मचा, फौरन पुलिस को खबर दी गई, पुलिस महिला को बच्चों समेत थाने लेकर आई।

पुलिस को सूचना मिली कि एक महिला 10 से 12 बच्चों को साथ लेकर कहीं जा रही है । भीड़ ने बच्चा चोरी के संदेह पर उसे घेरा गया था। महिला को थाने लाकर पूछताछ की गई तो महिला ने अपना परिचय पत्र दिखाया और बताया कि वह माना से बच्चों को कपड़े खरीदारी करने के लिए लेकर आई थीं।

मारपीट की अनेक घटनाएं
प्रदेश के अलग-अलग जगहों पर मारपीट की घटनाएं हुई हैं। पुलिस से सामने आई जानकारी के मुताबिक कई जगहों पर बाहर के प्रदेशों से भिखारी, बंजारे और साधू के वेष में रहने वाले लोग आए हैं। ये ऐसे मौकों पर अलग-अलग जगह जाकर गुजर बसर करते हैं। भीड़ का यही शिकार बन रहे हैं।

अफवाहों पर ध्यान न दें-रायपुर पुलिस
पुलिस ने लोगों से इस तरह के अफवाहों पर भरोसा ना करने की अपील की है। पुलिस ने बताया कि बच्चा चोर गिरोह घूम रहा है ऐसी बात लिखकर कुछ पॉम्पलेट भी व्हाट्सएप ग्रुप में सर्कुलेट हो रहे हैं जिससे पुलिस की ओर से जारी करना बताया जा रहा है जबकि ऐसा नहीं है। दुर्ग में इसको लेकर एक मामला दर्ज हुआ है जिसमें आरोपी गिरफ्तार किया गया है।

इसी तरह दुर्ग जिले में बच्चा चोरी की अफवाह के कारण उतई थाना क्षेत्र के मचांदुर चौकी अंतर्गत घोपली डी पारा गांव के एक मानसिक रोगी को पीटने का वीडियो वायरल हुआ है। विडियो में कुछ युवक मानसिक रोगी को दौड़ा-दौड़ा कर पिटते नजर आ रहे हैं। इतना सब हो जाने के बाद भी पुलिस मामला दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार करने की जगह मामले को दबाने में लगी हुई है।​​​

​भिलाई-3 की तरह यहां भी पुलिस ने मामले को पूरी तरह से दबाकर आरोपियों पर कार्रवाई करने की जगह विक्षिप्त को जिला अस्पताल दुर्ग भेज दिया ! इसके बाद उसे राज्य मानसिक चिकित्सालय सेंदरी बिलासपुर भेजा जाएगा। इस मामले में दुर्ग कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा का कहना है कि यह बहुत गंभीर मामला है। इसकी जानकारी ली जाएगी और आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। जबकि घायल विक्षिप्त की मानसिक स्थिति इतनी खराब है कि वह पुलिस क्या होती यह तक नहीं जानता। माता पिता का नाम पूछने पर वह भोले, शंकर और पर्वती, दुर्गा का नाम लेता है। खाना देने पूरा खाना जमीन में फैला देता है और मात्र एक दो निवाला भोजन ही खाता है। ऐसे व्यक्ति की पिटाई के मामले को दबाते हुए पुलिस यह कह रही है कि जब कोई शिकायत आएगी तभी पुलिस कार्रवाई करेगी।
साधुओं की पिटाई के मामले में
भिलाई तीन थाना पुलिस ने भी चरोदा क्षेत्र तीन साधुओं की पिटाई के मामले को भी दबाने का प्रयास किया था। जब मामला सोशल मीडिया में आया तो दुर्ग एसपी को इस पर संज्ञान लेना पड़ा। हालांकि बाद में एक-एक हमलावर आरोपियों को भीड़ में से पहचानकर पुलिस ने अब तक 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

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