भारतीय सिनेमा को बुलंदियों पर पहुंचाने में यहां के थिएटरों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता-कुलपति प्रो. शाही



भिलाई। श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भिलाई के अंग्रेजी विभाग द्वारा एक दिवसीय इंग्लिश थियेटर का कार्यक्रम आयोजित किया गया। आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में मुकेश यादव, निदेशक फ्लुएंजी इंस्टिट्यूट भिलाई उपस्थित रहें। अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में विनय पीताम्बरन, उप-कुलसचिव, रहें। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो.(डॉ.) सदानंद शाही, कुलपति श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भिलाई द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि मुकेश यादव ने अपने उद्बोधन में बताया कि हमारी फ्लुएंजी, नाटक के माध्यम से अंग्रेजी को बहुत ही सरलता से विद्यार्थियों तक लेकर जाने का कार्य कर रही है जिससे विद्यार्थियों में अंग्रेजी के प्रति डर का माहौल ख़त्म हो रहा है और वे अपनी कम्युनिकेशन स्किल्स को प्रभावी बना पा रहे हैं। कुलपति प्रो. शाही ने अपनी अध्यक्षीय भाषण में कहा कि थियेटर का एक दौर था जब सिनेमा की शुरुआत नहीं हुई थी और लोगों के मनोरंजन का मुख्य जरिया थिएटर ही था। भारतीय थिएटर का अपना एक समृद्ध इतिहास रहा है। थिएटर और नाटकों के जरिए ना सिर्फ कला का प्रदर्शन किया जाता था, बल्कि समाज सुधार और जागरूकता फैलाने में भी इसका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। भारत में रंगमंच का इतिहास लगभग 5,000 साल पुराना है। ऐसा माना जाता है कि नाट्यकला का विकास पहले भारत में ही हुआ था। जिसे भरत मुनि ने चौथी शताब्दी लिखी थी। प्रो. शाही ने कहा कि भारतीय सिनेमा को बुलंदियों पर पहुंचाने में यहां के थिएटरों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। साथी ही कुलपति जी ने फ्लुएंजी द्वारा नाटक के माध्यम से अंग्रेजी को रोचक बनाकर अंग्रेजी के प्रति बने हुए डर को निकालने में किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। इस अवसर पर फ्लुएंजी के छात्रों ने हास्य व्यंग के माध्यम से अंग्रेजी संवादों के साथ मनमोहक प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन डॉ. सारिका तिवारी, विभागाध्यक्ष, अंग्रेजी विभागद्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन रश्मि अग्रहरी ने किया। उक्त कार्यक्रम में विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही।

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