एनटीपीसी से प्रभावित भू विस्थापितों के आंदोलन को माकपा ने दिया समर्थन, कहा : रोजगार के मुद्दे पर लड़ाई एक राजनैतिक संघर्ष

कोरबा। एनटीपीसी से प्रभावित भू विस्थापितों का अनिश्चितकालीन आंदोलन कोरबा के तानसेन चौक में 22 अप्रैल से चल रहा है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, सीटू तथा छत्तीसगढ़ किसान सभा ने इस आन्दोलन का समर्थन किया है।बालको सीटू, परिवहन कर्मचारी संघ और किसान सभा के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

धरना को संबोधित करते हुए माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा गरीब किसानों से देशहित में उद्योग लगाने के नाम पर जमीन का अधिग्रहण किया था और वर्षों बाद भी भू विस्थापित किसान रोजगार और मुआवजा के लिए भटक रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश में आजादी के बाद से अब तक विकास परियोजनाओं के नाम पर दस करोड़ से ज्यादा लोगों को विस्थापित किया गया है और अपने पुनर्वास और रोजगार के लिए आज भी वे भटक रहे हैं। सरकार की कॉरपोरेटपरस्त नीतियां गरीबों की आजीविका और प्राकृतिक संसाधनों को उनसे छीन रही है। यही कारण है कि कुछ लोग मालामाल हो रहे हैं और अधिकांश जिंदा रहने की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसलिए विस्थापन के खिलाफ और रोजगार के लिए संघर्ष इस देश में चल रहे व्यापक राजनैतिक संघर्ष का एक हिस्सा है और भाजपा-कांग्रेस सरकारों की कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों को बदलकर ही इसे जीता जा सकता है।

सीटू के प्रदेश अध्यक्ष एस एन बेनर्जी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सीटू भू विस्थापितों के आंदोलन के साथ खड़ी है और एनटीपीसी के भू विस्थापितों के साथ मिलकर उग्र आंदोलन करेगी। सभा को एनटीपीसी कामगार यूनियन के महासचिव गुरुमूर्ति, अध्यक्ष फागुराम कश्यप, परिवहन संघ के अध्यक्ष जी डी महंत, ताहिर खान, बालको सीटू के महासचिव अमित गुप्ता, संजय अग्रवाल, राजेश नागराज, 7संत राम नितेश ने भी सभा को संबोधित किया।

उल्लेखनीय है कि लंबित रोजगार की मांग पर कुसमुंडा क्षेत्र में किसान सभा के नेतृत्व में 610 दिनों से एसईसीएल के महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष दस से ज्यादा गांवों के किसान धरना पर बैठे हैं। अब माकपा और किसान सभा ने एनटीपीसी के भू विस्थापितों के आंदोलन को समर्थन दिया है और भू विस्थापितों से एकजुट होकर बड़ी लड़ाई की तैयारी करने का आह्वान किया है।

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