भिलाई। छत्तीसगढ़ के भिलाई स्थित शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के अद्वैत भवन के प्रांगण में एसएसपीयू तथा एसएसटीसी के संयुक्त तत्वाधान में स्वतंत्रता दिवस का शुभ कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आरंभ यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति आई.पी. मिश्रा ने ध्वजारोहण कर किया। ध्वजारोहण के पश्चात् आई. पी. मिश्रा ने यूनिवर्सिटी के छात्रों एवं प्राध्यापकों को संबोधित किया। उन्होंने वीर सपूतों क्रांतिकारियों एवं शहीद देशभक्तों को नमन करते हुए अपना संबोधन आरंभ किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में बताया कि “आजादी का अमृत मोहत्सव” समारोह के श्रृंखला में, स्वतंत्रता दिवस 2023 की थीम “राष्ट्र पहले, हमेशा पहले” है । जिसके तहत् भारत अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस “मेरी माटी, मेरा देश” नामक एक विशेष कार्यक्रम के साथ मनाया जा रहा है।
कुलाधिपति ने कहा कि भारत की आज़ादी, भारत के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। यह ब्रिटिश शासन के विरुद्ध एक लंबी, कठिन लड़ाई का अंत था। यह एक महान गाथा है कि कैसे भारतीय लोगों ने कठोर ब्रिटिश शासन से अपने अधिकारों, संस्कृति और पहचान के लिए लड़ाई लड़ी। आज़ादी की लड़ाई एक कठिन और लंबी लड़ाई थी और कई स्वतंत्रता सेनानियों और महापुरुषों ने देश के लिए अपनी जान गवाई। स्वतंत्रता दिवस, प्रतिरोध, एकता और बलिदान की भावना का प्रतिक है जिसके कारण भारत को आजादी मिली और एक संप्रभु देश के रूप में इसका उदय हुआ। साथ उन्होंने कहा भारत विश्वह की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है जिसमें बहुरंगी विविधता और समृद्ध सांस्कृततिक विरासत है। इसके साथ ही यह अपने-आप को बदलते समय के साथ ढ़ालती भी आई है। आज़ादी पाने के बाद भारत ने बहुआयामी सामाजिक और आर्थिक प्रगति की है। भारत कृषि में आत्म निर्भर बन चुका है और अब दुनिया के सबसे औद्योगीकृत देशों की श्रेणी में भी इसकी गिनती की जाती है। विश्व का सातवां बड़ा देश होने के नाते भारत शेष एशिया से अलग दिखता है जिसकी विशेषता पर्वत और समुद्र ने तय की है और ये इसे विशिष्ट भौगोलिक पहचान देते हैं।
कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी के छात्रों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया। एमबीए के छात्र विशाल, सारा व अभिनव द्वारा “तलवारों पे सिर वार दिए” पर तथा शुभम, भावना, श्याम द्वारा “वंदे मातरम्”गीत पर खूबसूरत प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम का संचालन प्रो. (डॉ.) समता देशपांडेय ने किया। आजादी के इस पर्व में यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. डॉ. ए के झा, कुलसचिव पी.के. मिश्रा एवं एसएसटीसी के निदेशक डॉ. प्रताप बी. देशमुख सहित विद्यार्थियों , शोधार्थियों, प्राध्यापकों, अधिकारियों-कर्मचारियों एवं गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रहीं सभी छात्र एवं प्रध्यापक तथा कर्मचारी उपस्थित थे।