छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में पहली बार चार डिवीजन बेंच का गठन, लंबित मामलों का जल्द हो सकेगा निपटारा


बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने अपनी स्थापना के बाद पहली बार चार डिवीजन बेंच का गठन किया है। रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी नए रोस्टर के अनुसार, चार डिवीजन बेंच, दो स्पेशल बेंच और 15 सिंगल बेंच का गठन किया गया है। बुधवार से नए रोस्टर के अनुसार सुनवाई शुरू हो चुकी है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के इस नए कदम से न्यायिक प्रक्रिया में तेजी और कार्यक्षमता बढ़ेगी, जिससे लंबित मामलों का निपटारा जल्द हो सकेगा।

पहली डिवीजन बेंच:
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की बेंच में रिट याचिका, जनहित याचिका, रिट अपील, बंदी प्रत्यक्षीकरण, रिट याचिका (क्रिमिनल), और अवमानना याचिका की सुनवाई होगी।

दूसरी डिवीजन बेंच:
जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की बेंच में टैक्स संबंधित प्रकरणों, टैक्स रिट अपील, 2020-21 की लंबित क्रिमिनल अपील, और अन्य क्रिमिनल अपील की सुनवाई होगी।

तीसरी डिवीजन बेंच:
जस्टिस संजय के अग्रवाल और जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की बेंच में सभी प्रकार के क्रिमिनल मामलों की सुनवाई होगी।

चौथी डिवीजन बेंच:
जस्टिस संजय अग्रवाल और जस्टिस रजनी दुबे की बेंच में सिविल मामले, कंपनी अपील और रिट याचिकाओं की सुनवाई होगी।

स्पेशल सिंगल बेंच
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की स्पेशल बेंच: 2013 से 2015 के बीच लंबित क्रिमिनल रिवीजन, सीआरपीसी की धारा 438 और 482 के तहत जमानत याचिका, और ट्रांसफर याचिकाओं की सुनवाई करेगी।

जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की स्पेशल बेंच: 2017 से 2019 के बीच लंबित मिसलेनियस अपील, 2006 से 2010 की क्रिमिनल अपील, और रिट याचिका ट्रांसफर की सुनवाई करेगी।

सुनवाई का समय
डिवीजन बेंच में सुनवाई दोपहर 1:30 बजे तक होगी। इसके बाद जज सिंगल बेंच में सुनवाई करेंगे। भोजनावकाश से पहले नौ सिंगल बेंच और बाद में छह सिंगल बेंच में मामलों की सुनवाई होगी।

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