भिलाई। दुर्ग पुलिस ने गैंगस्टर विनोद बिहारी को गिरफ्तार कर लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुख्यात गैंगस्टर को मध्यप्रदेश के सतना से गिरफ्तार किया गया है। बता दें विनोद शराब का बंकर बनाकर तस्करी मामले में भी आरोपी रहा है। इसके खिलाफ 17 से अधिक अपराध दर्ज हैं। मंगलवार को दुर्ग एसपी प्रशांत अग्रवाल ने प्रेंस कॉन्फ्रेंस लिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि- मोहन नगर थाना में अप्रैल महीने में संदीप श्रीवास्तव ने गैंगस्टर विनोद बिहारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। प्रार्थी के मुताबिक विनोद बिहारी और सोमू बिहारी ने उसे डरा धमकाकर 8 लाख रुपए ले लिए थे। प्रार्थी ने जब रकम वापस मांगा तो उसे वापस नहीं कर रहे थे। कुछ दिनों बाद विनोद बिहारी फरार हो गया। मोहन नगर थाना प्रभारी बृजेश कुशवाहा के नेतृत्व में टीम बनाकर गैंगस्टर का लोकेशन ट्रेस किया गया। उसे एमपी के सतना से गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है। नगरनार इस्पात संयंत्र में नौकरी के लिए पाई गई पात्र सिटी एसपी दुर्ग संजय धुव्र ने बताया कि- ‘विनोद बिहारी की गिरफ्तारी हुई है, वह पीड़ित को धमकी दे रहा था।’ दुर्ग स्टेशन के आसपास इलाके को दीपक नगर कहते है। इस इलाके में गैंगस्टर विनोद बिहारी की तूती बोलती है। विनोद बिहारी ने दुर्ग रेलवे स्टेशन मे साईकिल, सफाई व अन्य तरह के ठेके अपने गुंडागर्दी के दम पर हासिल किया था। कई मामलो में वह आरोपी भी रहा लेकिन महादेव महार हत्याकांड के बाद उसका नाम सुर्ख़ियो में आया। इसके बाद अपराध के दुनिया में विनोद बिहारी का नाम लगातार बढ़ता गया। शराब के बार जमीन के कार्य सबमें उसने हाथ आजमाया। नाम का खौफ ऐसा रहा की वह सबसे जमकर पैसा कमाया। सरकार बदलने से पहले शराब के बंकर बनाकर उसने शराब छिपाई थी। जिसको पुलगांव पुलिस ने जब्त किया था। कुल 1600 पेटी शराब जब्त हुआ था। सूत्रों के अनुसार बिहारी ने जेल में रहकर बच्चा भी पैदा किया था। इसके अलावा अपनी भाभी मीना सिंह को पार्षद भी जेल में रहकर अपने रुतबा के दम पर इसने बनवाया था।
निगम में वार्ड से पहले उजाला नहीं होने देने का मामला विनोद बिहारी का जहां निवास है, उसे दीपक नगर कहते है। विनोद बिहारी उस दौरान जेल से बाहर था। उसकी भाभी पार्षद थी। दीपक नगर वार्ड के लोग बिजली की समस्या लेकर उसके पास पहुंचे और बताया कि कैसे एक सप्ताह से पूरा वार्ड अंधेरे में है। यानी स्ट्रीट लाइट बंद है। वहीं दुर्ग निगम के जिम्मेदार इस मामले में ध्यान नहीं दे रहे है। इसके बाद विनोद बिहारी जाकर दुर्ग निगम में बैठ गया। अधिकारियों से उसने कहा पहले दीपक नगर का दीपक जलेगा। फिर निगम में उजाला होगा। अधिकारियों ने उसके रुतबे को देखते हुए। पहले दीपक नगर की लाइट चालू की। फिर निगम में उजाला हुआ।