तीसरी लहर की दहलीज पर हम:ट्रेनिंग नहीं मिलने के कारण 31 लाख गर्भवती का टीकाकरण अटका, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम व मितानिनों को नहीं मिली ट्रेनिंग

रायपुर /राज्य में 31 लाख गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण अभियान अटक गया है। स्वास्थ्य विभाग ने एएनएम, मितानिन व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अभियान के संबंध में न तो जानकारी दी है और न ही ट्रेनिंग। ग्रामीण इलाकों में गर्भवती महिलाएं सबसे ज्यादा भरोसा मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर करती हैं।
ऐसी दशा में वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करने की जिम्मेदारी उन्हीं को सौंपी जानी है, लेकिन अब तक उन्हें इस बारे में कुछ नहीं बताया गया है। इस वजह से अभियान चालू नहीं हो सका है। हालांकि राज्य में गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण शुरू हो चुका है, लेकिन जो महिलाएं खुद से आ रही हैं, फिलहाल उन्हीं को टीके लगाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के पास ऐसी महिलाओं के आंकड़े भी नहीं है।
अफसरों का कहना है कोविन पोर्टल में गर्भवती महिलाओं की एंट्री का अलग से कॉलम नहीं है। ऐसे में इसकी जानकारी नहीं दी जा सकती। देश के साथ प्रदेश कोराेना की तीसरी लहर की दहलीज पर खड़ा है। ऐसे में 31 लाख गर्भवती महिलाओं को टीका लगाना जरूरी है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की इम्युनिटी कम हो जाती है। ऐसे में उन्हें संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है।
कोरोना से बचाव के लिए टीके ही विकल्प हैं, लेकिन इसमें स्वास्थ्य विभाग की तैयारी अधूरी है। राज्य स्तरीय ट्रेनिंग हो पाई है, लेकिन रायपुर व कुछ अन्य शहरी जिलों में एएनएम व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को छोड़कर ग्रामीण और दूरस्थ जिलों में ट्रेनिंग प्रोग्राम नहीं चलाया गया है।
टीके के बाद मैनेजमेंट की भी जरूरत पड़ेगी। ऐसे में ट्रेनिंग भी जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का दावा है कि बिना ट्रेनिंग गर्भवतियों को टीके लगाने से रिस्क हो सकता है। ऐसे में वे कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते। जब तक एएनएम, मितानिन व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग नहीं दी जाएगी, अभियान शुरू नहीं कर सकते।

गर्भवतियों को टीका लगाने केंद्र ने दिए थे निर्देश
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 3 जुलाई को सभी राज्यों को गर्भवती महिलाओं को टीका लगाने के निर्देश दिए हैं। गाइड लाइन के अनुसार निर्धारित उम्र के लोगों के अलावा गर्भवती महिलाएं भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन या सीधे वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर टीका लगवा सकती हैं।
महिलाएं पूरी गर्भावस्था के दौरान कभी भी टीका लगवा सकती हैं। इससे कोई खतरा नहीं है। राज्यों को जारी दिशा निर्देश में टीकाकरण केंद्रों पर स्वास्थ्य कर्मचारियों को गर्भवती महिलाओं के टीके में क्या-क्या सावधानियां बरतनी है, उसकी पूरी जानकारी भी दी गई है।

महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली और दूसरे राज्यों में शुरू
गर्भवती महिलाओं को टीके लगाने का अभियान देशव्यापी शुरू हो चुका है। सबसे पहले महाराष्ट्र ने गर्भवती महिलाओं को टीके लगाना शुरू किया। इसके बाद दूसरे राज्यों में वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू हो चुका है।

कोविन पोर्टल में एंट्री का अलग से खंड नहीं
कोविन पोर्टल में गर्भवती महिलाओं को टीके लगाने की जानकारी संबंधी अलग से खंड नहीं है। इसमें 18 प्लस, 45 प्लस व 60 प्लस की जानकारी भरी जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि यही कारण है कि किन जिलों में कितनी गर्भवतियों को टीके लगे हैं, जानकारी देना संभव नहीं है।

ट्रेनिंग कब शुरू होगी, अभी कहा नहीं जा सकता

बिना एएनएम, मितानिन व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग दिए गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण शुरू नहीं किया जा सकता। अभियान कब शुरू होगा, इस संबंध में कुछ नहीं कहा जा सकता। ट्रेनिंग कार्यक्रम जल्द पूरा कराने का प्रयास किया जा रहा है। – डॉ. विश्वनाथ भगत, राज्य टीकाकरण अधिकारी छग

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