टोक्यो. ड्रैगफ्लिकर रूपिंदर पाल सिंह के दो गोल की बदौलत भारत ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले मैच में करारी शिकस्त से उबरकर जोरदार वापसी करते हुए तोक्यो ओलंपिक की पुरुष हॉकी स्पर्धा के पूल ए में मंगलवार को यहां अपने तीसरे मैच में स्पेन को 3-0 से हराया.
दुनिया की नौवें नंबर की टीम स्पेन के खिलाफ भारत की ओर से रूपिंदर (15वें और 51वें मिनट) ने दो जबकि सिमरनजीत सिंह (14वें मिनट) ने एक गोल दागा. दुनिया की चौथे नंबर की टीम भारत ने अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर विजयी शुरुआत की थी लेकिन आस्ट्रेलिया के खिलाफ एकतरफा मुकाबले में उसे 1-7 की करारी हार का सामना करना पड़ा था.
स्पेन की टीम अब तक टूर्नामेंट में जीत दर्ज करने में नाकाम रही है. टीम ने अपने पहले मैच में अर्जेन्टीना से 1-1 से ड्रॉ खेला था जब दूसरे मैच में उसे न्यूजीलैंड के खिलाफ 3-4 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी. भारत अपने अगले मैच में गुरुवार को गत ओलंपिक चैंपियन अर्जेन्टीना से भिड़ेगा.
किसी भी टीम के लिए मनोबल तोड़ने वाली हार से एक दिन के भीतर उबरना बेहद मुश्किल होता है लेकिन स्पेन के खिलाफ मंगलवार को भारतीय टीम अधिक संगठित दिखी. इस जीत के बावजूद भारत के मुख्य कोच ग्राहम रीड ने कहा कि टीम को बाकी बचे मैचों से पहले कमजोर पक्षों पर काम करने की जरूरत है जिसमें विरोधी टीम को पेनल्टी कॉर्नर गंवाना भी शामिल है.
उन्होंने कहा, ‘‘आज का नतीजा बेहतर रहा लेकिन सुधार के लिहाज से कई चीजों पर काम करने की जरूरत है. हमने काफी सारे कॉर्नर दिए, जब ऐसा होता है तो यह हमेशा चिंता की बात होती है. लेकिन रक्षण के हिसाब से टीम ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया.’’
रीड ने कहा, ‘‘पहले क्वार्टर में हम काफी अच्छा खेले, हमने यही रणनीति बनाई थी. दूसरे और तीसरे क्वार्टर में हमने थोड़ा संघर्ष किया.’’ मनप्रीत सिंह की अगुआई वाली टीम ने शुरुआत से ही विरोधी टीम पर दबाव बनाया और शुरुआती 10 मिनट में गेंद को अधिक समय तक अपने कब्जे में रखने में सफल रही. टीम हालांकि गोल करने का कोई वास्तविक मौका नहीं बना पाई.
नौवें मिनट में भारत को बढ़त बनाने का मौका मिला लेकिन मनप्रीत के पास को सिमरनजीत गोल के अंदर डालने में विफल रहे. स्पेन की टीम धीरे-धीरे लय में लौटी और टीम ने 12वें मिनट में पहला पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया जो बर्बाद गया.
पहले क्वार्टर के अंतिम लम्हों में भारत ने हमले तेज किए. टीम को इसका फायदा भी मिला जबकि स्पेन के रक्षण की कमजोरी का फायदा उठाकर अमित रोहिदास के पास पर सिमरनजीत ने गोलकीपर क्विको कोर्टेस को छकाकर गोल दाग दिया.
भारत को अंतिम मिनट में लगातार तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले. तीसरे पेनल्टी कॉर्नर पर हरमनप्रीत के शॉट पर गेंद स्पेन के डिफेंडर से टकराई और भारत को पेनल्टी स्ट्रोक मिला जिसे रूंिपदर ने गोल में बदलकर टीम की बढ़त को दोगुना कर दिया.
दो गोल से पिछड़ने के बाद स्पेन ने दूसरे क्वार्टर में भारतीय रक्षा पंक्ति पर दबाव बनाया और अधिकांश समय खेल भारतीय हाफ में खेला गया. स्पेन को दबाव की रणनीति का फायदा तीसरे क्वार्टर में तीन पेनल्टी कॉर्नर के रूप में मिला लेकिन भारतीय रक्षा पंक्ति ने विरोधी टीम के सभी हमलों को नाकाम कर दिया.
आस्ट्रेलिया के खिलाफ पूरी तरह से नाकाम रहे अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश स्पेन के खिलाफ गजब की लय में दिखे और उन्होंने विरोधी टीम के कई हमलों को विफल किया. दो गोल की बढ़त के बाद भारतीय टीम चौथे और अंतिम क्वार्टर में रक्षात्मक खेल दिखाकर संतुष्ट थी. स्पेन ने इस बीच दबाव डालना जारी रखा.
भारत को 51वें मिनट में मैच का चौथा पेनल्टी कॉर्नर मिला जिसे रूंिपदर ने गोल में बदलकर भारत को 3-0 से आगे कर दिया जो निर्णायक स्कोर साबित हुआ. स्पेन ने इसके बाद हमले तेज किए. टीम को 53वें मिनट में लगातार तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन ड्रैगफ्लिकर पाउ क्युमादा श्रीजेश की अगुआई वाली भारतीय रक्षा पंक्ति को भेदने में नाकाम रहे.
स्पेन को अंतिम मिनट में एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन इस बार भी श्रीजेश ने क्युमादा के प्रयास को नाकाम कर दिया. श्रीजेश ने कहा कि वह पर्याप्त अनुभवी हैं कि आस्ट्रेलिया के खिलाफ लचर प्रदर्शन के बाद वापसी कर पाएं. उन्होंने भारतीय रक्षा पंक्ति की सराहना की जो स्पेन के दबाव का सामना करने में सफल रही.
श्रीजेश ने कहा, ‘‘गोलकीपर का काम दबाव झेलना है. मुझे लगता है कि जब आप पर्याप्त अनुभवी हो जाते हो तो आप दबाव को झेलने और टीम को नियंत्रित करने में सक्षम होते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आस्ट्रेलिया के खिलाफ रक्षापंक्ति का प्रदर्शन काफी खराब रहा लेकिन आज उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने अपना काम अच्छी तरह किया और हमने कोई गोल नहीं खाया जो सबसे महत्वपूर्ण है.’’
भारतीय गोलकीपर ने कहा, ‘‘अगर आप अतीत के मैच को भुलाकर वापसी करते हुए बेहतर खेल दिखाते हैं तो यह हमारे खेल के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज है.’’