रायपुर। जिले के नए एसपी प्रशांत अग्रवाल ने आज पदभार संभाल लिया है। रविवार की रात जारी हुए आदेश के बाद अब ये जिम्मा संभाल रहे है। रायपुर एसएसपी रहे अजय यादव ने नए एसपी प्रशांत अग्रवाल को बुके भेंट कर पदभार ग्रहण करवाया। इसके पहले वे दुर्ग में एसपी थे, वहीं 2 महीने के अंदर ही उन्हें दुर्ग से रायपुर की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। चार्ज लेते ही SP ने आकस्मिक बैठक बुलाई है।
नवनियुक्त एसपी प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि
राजधानी होने के नाते उनका कार्यभार चैलेंजिंग रहने वाला ही। क्षेत्र भी बड़ा है। बेसिक पुलिसिंग को ध्यान में रखते हुए कार्य किया जाएगा। अपराधों पर नियंत्रण रखा जाएगा। पुलिस विभाग के अधिकारी और जवानों को साथ में लेकर अनुशासन में रखते हुए कोशिश रहेगी कि जिले में शांति व्यवस्था बरकरार रहे। फिलहाल सभी लोगों से चर्चा की जाएगी। सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए रणनीति तैयार की जाएगी।
बता दें कि रायपुर के नए SSP प्रशांत अग्रवाल का अब तक का सफर बेहद दिलचस्प रहा है। इससे पहले इन्होने बीजापुर में भी बतौर एसपी अपनी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। बीजापुर जैसे नक्सलियों के कोर इलाके में ड्यूटी के दौरान कई ऐसे मौके आए जब नक्सलियों के खिलाफ प्रशांत अग्रवाल और उनकी पुलिस टीम ने बड़े ऑपरेशन प्लान किए और कामयाब भी हुए। बिलासपुर में एसपी रहते हुए प्रशांत अग्रवाल ने कोविड-19 जागरूकता, रक्षाबंधन, हेलमेट जागरूकता, साइबर फ्रॉड की प्रति जागरूकता जैसे कई सोशल प्रोग्राम्स के जरिए लोगों के दिलों में जगह बनाई।
यूपीएससी क्रैक कर बने आईपीएस अफसर
सूरजपुर के भैयाथान के रहने वाले प्रशांत अग्रवाल बताते हैं कि गांव में प्रायमरी स्कूल की पढ़ाई के दौरान, भैयाथान इलाके में कोई खास सुविधाएं नहीं हुआ करती थीं। UPSC की बहुत सी किताबें तो आज भी उस इलाके में नहीं मिलतीं। लोगों की मदद करने और पिछड़े इलाकों में सरकार के जरिए सुविधाएं पहुंचाने की जिद की वजह से प्रशांत ने UPSC क्रैक किया और आईपीएस अफसर बने। उनके सामने मल्टीनेशनल कंपनी में इंजीनियर बनने का मौका था, लेकिन लोगों की सेवा के लिए उन्होंने आईपीएस अधिकारी ही बनना तय किया।
गणित में थी बेहद दिलचस्पी
भैयाथान की प्राइमरी स्कूल में पढ़ने के दौरान टीचर ने प्रशांत अग्रवाल को नवोदय विद्यालय के बारे में बताया था। प्रशांत ने सुन रखा था कि नवोदय विद्यालय में पढ़ाई की बेहतर सुविधाएं हैं। एक पिछड़े इलाके का स्टूडेंट होने की वजह से हमेशा उनके मन में कुछ बेहतर करने की चाह रही। यही वजह थी कि उन्होंने नवोदय विद्यालय के लिए एग्जाम दिया और उसमें पास भी हुए। पढ़ाई के दौरान गणित में बेहद दिलचस्पी थी, इसीलिए आगे इंजीनियरिंग की तैयारी की। भारत के श्रेष्ठ इंजीनियरिंग संस्थान IIT खड़गपुर सिलेक्शन हुआ। इस संस्थान से इंजीनियरिंग करना स्टूडेंट्स का सपना होता है।
मिले कई जॉब के ऑफर
ग्रेजुएशन के दौरान अच्छे परफॉर्मेंस की वजह से प्रशांत के पास मल्टीनेशनल कंपनियों में जॉब के कई ऑफर थे। मगर इसी दौरान प्रशांत अग्रवाल ने तय कर लिया था कि अफसर बन कर लोगों की जिंदगी में कुछ बदलाव करने को ही अपना करियर बनाना है। इंजीनियरिंग के फाइनल ईयर के दौरान ही यूपीएससी की तैयारी करने लगे। पहले अटेम्प्ट में कामयाबी नहीं मिली मगर इससे निराश नहीं हुए। प्रशांत अग्रवाल कहते हैं कि यूपीएससी की पढ़ाई धैर्य मांगती है। इसी धैर्य की वजह से दूसरे अटेम्प्ट में इंडियन पुलिस सर्विस के लिए प्रशांत चुन लिए गए। 2008 के आईपीएस प्रशांत अग्रवाल को छत्तीसगढ़ कैडर मिला। नक्सली इलाकों से लेकर, बिलासपुर, दुर्ग जैसे प्रदेश के बड़े शहरों में एसपी की जिम्मेदारी निभा चुके प्रशांत अब राजधानी रायपुर एसपी के तौर पर अपने कैरियर की अहम पारी शुरू करने जा रहे हैं।