छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस की गुटबाजी व असंतोष खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। ढाई-ढाई साल के सीएम को लेकर सीएम भूपेश बघेल व मंत्री सिंहदेव के बीच गतिरोध कायम है
इस बीच, राज्य के नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया और राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल भी दिल्ली में थे। दोनों ने छत्तीसगढ़ के प्रभारी महासचिव पीएल पुनिया से मुलाकात की। इस दौरान छत्तीसगढ़ के विभिन्न समाज, संगठनों का बघेल के नेतृत्व पर पूरा भरोसा होने से संबंधित पत्र भी सौंपे गए।
विधायकों का मेलजोल जारी
रायपुर में कुछ विधायकों और कांग्रेस पदाधिकारियों का अलग-अलग होटलों में मिलने का सिलसिला भी जारी है। एक प्रभावी नेता विधायकों के संपर्क में हैं और उन्हें एकजुट रखने की कोशिश की जा रही है। इस हलचल को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पत्रकारों ने सवाल किए तो उन्होंने हंसते हुए कहा कि मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता। इस मामले में पुनिया जी जवाब दे चुके हैं।
दिग्विजय सिंह से ली जा रही सलाह
उधर, कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि दो दिन पहले वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह से भी केंद्रीय संगठन के कुछ पदाधिकारियों ने छत्तीसगढ़ के संदर्भ में चर्चा की थी। सिंह अविभाजित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनसे छत्तीसगढ़ के मामलों में पहले भी सलाह ली जाती रही है। सिंह को छत्तीसगढ़ की समीक्षा करने के लिए रायपुर भेजा जा सकता है।
बघेल का ढाई साल का कार्यकाल हो चुका पूरा
दरअसल, ढाई ढाई साल के सीएम के फॉर्मूले के अनुसार सिंहदेव सीएम पद पर दावेदारी कर रहे हैं। बघेल को 16 जून को ढाई साल पूरे हो गए हैं। इसे लेकर सिंहदेव व उनके समर्थक लगातार दिल्ली रायपुर एक किए हुए हैं। बीते दिनों तो 50 से ज्यादा विधायक राहुल गांधी से मिलने दिल्ली पहुंच गए थे। प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया द्वारा छग में नेतृत्व बदलने से इनकार के बाद भी बार बार यही मांग की जा रही है। 2018 में जब कांग्रेस की छग में सरकार बनी तो हाईकमान के सामने ढाई-ढाई साल के सीएम का फॉर्मूला बनाया गया था। इसमें प्रदेश के दोनों बड़े नेताओं को मौका देने के लिए बारी-बारी से सीएम की कुर्सी संभालनी थी।