देश के निर्यात में छत्तीसगढ़ की अहम भागीदारी के लिए एयर कार्गाे की सुविधा जरूरी : भूपेश बघेल

रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां राजधानी रायपुर में दो दिवसीय वाणिज्य उत्सव का शुभारंभ करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक संसाधन एवं सभी खनिज प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. यहां उद्योग एवं व्यापार की असीम संभावनाएं विद्यमान है. छत्तीसगढ़ राज्य देश के निर्यात में अहम रोल अदा कर सकता है. लैण्डलॉक प्रदेश होने के नाते यहां के उत्पाद को बाहर भेजने के लिए एयर कार्गाे की सुविधा जरूरी है. हम भारत सरकार से एयर कार्गो की सुविधा के लिए लगातार आग्रह कर रहे हैं, ताकि यहां के उत्पाद को निर्यात करने में आसानी हो.

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जल, जंगल, जमीन की कोई कमी नहीं है. धान का कटोरा होने के साथ-साथ देश का 74 फीसद से अधिक वनोपज छत्तीसगढ़ में संग्रहित होता है. यहां प्रचुर मात्रा में वनौषधियां विद्यमान है. इनकी प्रोसेसिंग एवं वैल्यूएडिशन से उद्योग, व्यापार एवं निर्यात को बढ़ावा मिलेगा.

वाणिज्य उत्सव का यह दो दिवसीय कार्यक्रम आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत भारत सरकार के विदेश व्यापार महानिदेशालय तथा छत्तीसगढ़ वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है. इस आयोजन में वाणिज्य मंत्रालय से संबंधित शेफिक्सल कोलकाता, डीजीएफटी, सीएसआईडीसी कस्टम्स आदि सहभागी है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर देश की आजादी के लिए अपना सबकुछ कुर्बान करने वाले अमर शहीदों को नमन करते हुए कहा कि देश के नव-निर्माण में देश के प्रथम प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहर लाल नेहरू जी का बड़ा योगदान रहा है. वर्ष 1955-56 में छत्तीसगढ़ में भिलाई स्टील प्लांट की स्थापना हुई. यह प्लांट छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बना. मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहते है, यहां धान की हजारों प्रजातियां है.

वनोपज का भरपूर उत्पादन एवं संग्रहण छत्तीसगढ़ में होता है. आयरन ओर से लेकर टिन, अलेक्जेंड्राईट उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि व्यापार में मांग और पूर्ति का संतुलन जरूरी है. इसमें असंतुलन की स्थिति में नुकसान होता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 70 के दशक में खाद्यान्न की मांग को पूरा करने के लिए हरित क्रांति की शुरूआत हुई. आज स्थिति यह है कि देश में दलहन, तिलहन को छोड़ दिया जाए, तो आवश्यकता से अधिक खाद्यान्न होने लगा है, यहीं वजह है कि किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में धान के प्रचुर उत्पादन को देखते हुए इससे एथेनॉल बनाए जाने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी. छत्तीसगढ़ की सुराजी गांव योजना के तहत गौठानों के निर्माण और गोधन न्याय योजना के तहत गोबर की खरीदी और इससे तैयार होने वाले उत्पाद के बारे में जानकारी दी. राज्य की नई औद्योगिक नीति 2019-24 का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने राज्य में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उद्यमियों को कई तरह की सहूलियत देने का प्रावधान किया है. औद्योगिक संस्थानों एवं उद्यमियों से 140 एमओयू हुए हैं, जिसमें 65 हजार करोड़ रूपए का निवेश होगा.

कार्यक्रम को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने सम्बोधित करते हुए कहा कि कृषि एवं वनोपज आधारित उद्योगों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने विशेष पैकेज का प्रावधान किया है. फूड पार्क की स्थापना की प्रक्रिया जारी है. उन्होंने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ में एक्सपोर्ट ऑफिस की स्थापना किए जाने का आग्रह भारत सरकार के विदेश व्यापार महानिदेशालय से किया है.

कार्यक्रम को वाणिज्य मंत्रालय भारत सरकार के ओएसडी विकास चौबे, प्रमुख सचिव उद्योग मनोज पिंगुआ और मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने भी सम्बोधित किया. इस अवसर पर उद्योग विभाग के सचिव आशीष भट्ट, सीएसआईडीसी के प्रबंध संचालक पी. अरूण प्रसाद, शेफिक्सल वाईस चेयरमैन डॉ. लाल हिंगोरानी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

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