दशहरा में रावण पुतला दहन के लिए गाइडलाइन जारी राजधानी में इन जगहों पर होगा दहन


रायपुर। छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े दशहरा कार्यक्रम को इस बार सादगी से आयोजित करने की तैयारी है। रायपुर के डब्ल्यूआरएस मैदान में हर साल 101 फीट के रावण के पुतले का दहन किया जाता रहा है, लेकिन इस बार 51 फीट का ही पुतला बनाया जा रहा है। रावण के अलावा यहां कुंभकर्ण और मेघनाथ का पुतला भी बनाया जाता था। इस बार सिर्फ रावण का ही पुतला बनाया गया है।

15 अक्टूबर की शाम यहां स्थानीय जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अफसरों और रेलवे के अधिकारियों की मौजूदगी में रावण दहन होगा। आम लोग भी यहां रावण दहन देखने आ सकेंगे। सभी को कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करना होगा।

हाल ही में सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति अध्यक्ष विधायक कुलदीप जुनेजा, संरक्षक एजाज ढेबर, सचिव राधेश्याम विभार ने कार्यक्रम स्थल में पूजा के बाद रावण के चेहरे बनाने का काम शुरू करवाया। समिति के सचिव राधेश्याम विभार ने बताया कि 20 दिनों की मेहनत से मैदान में रावण का पुतला बनाया जा रहा है। इस बार आतिशबाजी का भी बंदोबस्त किया गया है। रावण की बॉडी तैयार कर ली गई है, चेहरा बनाने का काम नेशनल क्लब राजपाल लुंबा कर रहे हैं, एस जयराम हर साल रावण का बॉडी स्ट्रक्चर बनाते हैं। सूर्य नारायणा, एस पॉल, जगन्नाथ राव, ईश्वर राव, सूरज इनकी टीम में सहयोग करते हैं। आयोजन समिति के डी. श्रीनिवास राव, सूरज पटनायक ,वरुण सोना, देवराज सिक्का ने बताया कि किसी भी तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा रहा है।

राजधानी में यहाँ भी होगा रावण दहन

डब्ल्यूआरएस के अलावा रायपुर के बीटीआई ग्राउंड, भाटागांव के रावणभांटा में भी सार्वजनिक दशहरा का कार्यक्रम होगा। यहां 25 से 30 फीट के रावण का पुतला बनाया जा रहा है। स्थानीय थानों की टीमों को इन सभी जगहों पर सुरक्षा के इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं। बीटीआई ग्राउंड में भाजपा और कांग्रेस नेताओं के बीच रावण दहन करने को लेकर विवाद उपजा था। इस लिहाज से इस ग्राउंड में पुलिस का दशहरे के दिन खास इंतजाम होगा, ताकि कोई बवाल न हो।

पटरी के पास होगी बैरिकेडिंग

डब्ल्यूआरएस मैदान में जहां रावण दहन किया जाता है वहां से मुंबई हावड़ा रेल लाइन भी गुजरती है। ये कार्यक्रम स्थल के पास ही है। कई बार लोग पटरियों के पास भी जमा हो जाते हैं, इससे हादसा होने की संभावना बनी रहती है। अब पटरियों के पास बैरिकेडिंग की जा रही है। कोई भी आम आदमी पटरियों के पास न जाए, इसकी निगरानी भी की जाएगी। ट्रैफिक का जिम्मा जिला प्रशासन और पुलिस की टीमें संभालेंगी।

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