UP के किसानों का आंदोलन खत्म, खुल गया दिल्ली-नोएडा बॉर्डर, कृषि आयोग बनाने का फैसला

नोएडा
केंद्र सरकार के कृषि कानून के विरोध में चल रहा यूपी के किसानों का आंदोलन खत्‍म हो गया है। यूपी के किसान नोएडा के सेक्टर-14ए चिल्ला बॉर्डर से हट गए हैं। नोएडा से दिल्ली के बीच आवागमन शुरू हो गया है। जनता की परेशानी को देखते हुए किसानों ने बॉर्डर से हटने का फैसला लिया है। किसानों और सरकार के बीच कृषि आयोग के गठन को लेकर सहमति बनी है।

अब रविवार सुबह 12 बजे यूनियन के पदाधिकारियों की मीटिंग होगी। सेक्टर-14ए पर भारतीय किसान यूनियन(भानू गुट) के शीर्ष पदाधिकारी सुबह 12 बजे अंतिम निर्णय लेंगे। इससे आगे का फैसला कार्यकारिणी मीटिंग में होगा। सेक्टर-14ए चिल्ली बॉर्डर पर दिल्ली सीमा में खड़ी आरएएफ, आरपीएफ भी हटाई गई है। दिल्ली के फेस-1 एसएचओ विवेक और एसीपी सचिन सिंघल भी मय फोर्स के साथ बॉर्डर से हटे। अब बॉर्डर पूरी तरह से खाली हो गया है। यह बॉर्डर 12 दिन बाद खुला है।

बैठक में 18 सूत्रीय मांगे रखी गईं थीं
देर रात दिल्ली जाकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिले थे चिल्ला बॉर्डर के किसान। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी राजनाथ सिंह के साथ किसानों के साथ बातचीत में शामिल थे। दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद यह बॉर्डर खोल दिया गया। इस बैठक में 18 सूत्रीय मांगे रखी गईं। इन मांगों में न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य या एमएसपी का जिक्र नहीं है। लेकिन इसके अलावा बाकी किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं।

धरना जारी रखना है या नहीं, फैसला आज इस समझौते के बाद किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन भानु गुट का धरना अब आगे जारी रहेगा या नहीं इस पर रविवार सुबह 12 बजे फैसला किया जाएगा। इस फैसले से 12 दिन से परेशान जनता जो परेशानी झेल रही थी, उससे निजात मिल जाएगी।

अभी भी बाकी किसान आंदोलन अड़े लेकिन इसके अलावा बाकी किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। किसान यूनियन के नेताओं ने ऐलान किया है कि रविवार को ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू करेंगे और 14 दिसंबर को भूख हड़ताल पर बैठेंगे। रविवार को सुबह 11 बजे राजस्थान के शाहजहांपुर के किसान जयपुर-दिल्ली राजमार्ग के जरिए ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू करेंगे।

14 तारीख को डीएम ऑफिस के सामने प्रदर्शनसंयुक्त किसान आंदोलन के नेता कमल प्रीत सिंह पन्नू ने शनिवार को बताया, ‘कल 11 बजे शाहजहांपुर (राजस्थान) से जयपुर-दिल्ली वाला जो रोड है उसे रोकने के लिए हज़ारों की संख्या में किसान ट्रैक्टर मार्च करेंगे।’ इसके अलावा 14 तारीख को सुबह आठ से पांच बजे तक किसान प्रतिनिधि पूरे देश में अपने-अपने जिलाधिकारी के दफ्तर के सामने अनशन पर बैठेंगे।

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