फिर लोन लेकर लोन चुकाएगा 'कंगाल' पाकिस्तान, चीन से 'खैरात' लेकर सऊदी को देंगे इमरान खान

इस्लामाबाद
कंगाली की दहलीज पर खड़े पाकिस्तान को दोबारा कर्ज को चुकाने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। पाकिस्तान को यह कर्ज फिर से उसका सदाबहार दोस्त चीन दे रहा है। अगस्त में भी चीन ने सऊदी का कर्ज चुकाने के लिए को 1 अरब डॉलर का लोन दिया था। बता दें कि सऊदी का पाकिस्तान पर तीन अरब डॉलर का कर्ज है। जिसमें से पाकिस्तान ने 1 अरब डॉलर के कर्ज को चुका दिया है।

चीन दे रहा 1.5 बिलियन डॉलर का लोन
सऊदी अरब ने पाकिस्तान को इस साल के अंत तक बाकी बचे दो बिलियन डॉलर का लोन चुकाने को कहा था। पाकिस्तान की बिगड़े आर्थिक हालात को देखते हुए इमरान खान ने अपने दोस्त चीन से खैरात की अपील की थी। जिसके बाद ड्रैगन ने 1.5 बिलियन डॉलर का लोन देने की हामी भर दी है। बाकी बचे आधे बिलियन डॉलर की व्यवस्था पाकिस्तान खुद करेगा।

सऊदी ने पाकिस्तान से वापस लिया था आर्थिक पैकेज
कश्मीर मामले को लेकर पाकिस्तान के बर्ताव से भड़के सऊदी अरब ने जुलाई महीने में अपने आर्थिक पैकेज को वापस ले लिया था। इस पैकेज में सऊदी अरब ने अक्टूबर 2018 में जारी किया था। इसके अंतर्गत सऊदी अरब ने ने पाकिस्तान को 3 साल के लिए 6.2 बिलियन डॉलर का लोन दिया था। जिसमें, 3 बिलियन डॉलर की नकद सहायता शामिल थी, जबकि बाकी के पैसों के एवज में पाकिस्तान को तेल और गैस की सप्लाई की जानी थी। लेकिन, पाकिस्तानी विदेश मंत्री के भड़काऊ बयानों से आहत सऊदी अरब ने 2021 में खत्म होने वाले इस पैकेज को 2020 में ही बंद कर दिया था।

पाकिस्तान को चुकाना पड़ेगा ब्याज
इस समझौते के अनुसार, शुरुआत में सऊदी ने पाकिस्तान को नकदी और तेल की सुविधा केवल एक साल के लिए दिया था, लेकिन बाद के वर्षों में इसे बढ़ाकर तीन साल के लिए कर दिया गया। इस 3 बिलियन डॉलर की नकद सहायता के लिए पाकिस्तान 3.3 फीसदी की दर से ब्याज की अदायगी भी करनी पड़ेगी। ऐसे में इमरान खान के सामने चीन से कर्ज लेने के सिवाय कोई चारा नहीं था।

कर्ज वसूली रोकने के लिए गिड़गिड़ा रहे इमरान
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अनुरोध किया है कि कोरोना वायरस महामारी के खत्म होने तक कम आय वाले और सर्वाधिक प्रभावित देशों के लिए ऋण अदायगी को निलंबित कर दिया जाए तथा अल्प विकसित देशों की देनदारी को निरस्त कर दिया जाए। नकदी के संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की आर्थिक परेशानियां महामारी के कारण और बढ़ गयी हैं तथा इमरान खान की सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) समेत वैश्विक निकायों से आर्थिक मदद की व्यवस्था कर रही है ताकि संकट से उबरा जा सके।

पाकिस्तानी जीडीपी का 90 फीसदी हो जाएगी कर्ज
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान का सार्वजनिक ऋण कुछ दिनों में बढ़कर 37,500 अरब पाकिस्तानी रुपये या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 90 प्रतिशत हो जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सिर्फ इस साल ही कर्ज चुकाने पर 2,800 अरब रुपये खर्च करेगा जो संघीय राजस्व बोर्ड के अनुमानित कर संग्रह का 72 प्रतिशत है। दो साल पहले जब पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार सत्ता में आई थी, तब सार्वजनिक ऋण 24,800 लाख करोड़ रुपये था, जो तेजी से बढ़ रहा है।

विदेशी मुद्रा भंडार केवल 12 अरब डॉलर
पाकिस्तान द्वारा 15 अरब डॉलर का कर्ज किसी एक साल में लेना उसके समक्ष खड़ी चुनौतियों और गहराते कर्ज संकट को दर्शाता है। पाकिस्तान में बिना कर्ज के विदेशी मुद्रा प्रवाह नहीं हो पा रहा है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के पास जो 12 अरब डॉलर का कुल विदेशी मुद्रा भंडार है, वह ज्यादातर कर्ज से मिली राशि ही है। सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय को वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान द्विपक्षीय और बहुपक्षीय कर्जदाताओं, कमर्शल बैंक, यूरोबॉन्ड जारीकर्ताओं और आईएमएफ से कुल मिलाकर 15 अरब डॉलर मिलने का अनुमान है।

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