भाई दूज, इस शुभ मुहूर्त में बहन भाइयों को करें तिलक

Bhai Dooj 2021: दीपावली के दूसरे दिन यानि गोवर्धन पूजा के अगले दिन भाई दूज मनाई जाती है जिसे यम द्वितिया भी कहा जाता है. जानिए इस साल किस दिन है भाई दूज और क्या है शुभ मुहूर्त.
राखी की तरह ही भाईदूज भी भाई बहन के प्रेम का ही त्योहार है. दीपावली के दो दिन बाद भाईदूज मनाने का चलन पुराना है. भाई बहन के स्नेह के इस पर्व का महत्व भी रक्षाबंधन से कहीं कम नहीं है. भाईदूज के दिन भी बहन अपने भाई को तिलक करती है. इस मनोकामना के साथ कि उसके भाई की उम्र लंबी हो. और, भाई अपनी बहन को सुख समृद्धि का आशीष देता है. दीपावली के दूसरे दिन यानि गोवर्धन पूजा के अगले दिन भाई दूज मनाई जाती है जिसे यम द्वितिया भी कहा जाता है. जानिए इस साल किस दिन है भाई दूज और क्या है शुभ मुहूर्त.
कब है भाईदूज?

इस साल यानि कि साल 2021 में भाईदूज 6 नवंबर को पड़ रही है. इस दिन दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से 3 बजकर 22 मिनट तक मुहूर्त भाइयों को टीका करने के लिए सबसे शुभ है. यानि शुभ मुहूर्त का कुल समय 2 घंटे और 12 मिनट का है.

भाईदूज की पूजन विधि
भाईदूज की पूजन विधि भी काफी कुछ राखी की ही तरह है. इस दिन बहनें सुबह भगवान की पूजा के बाद अपने भाइयों के लिए पकवान तैयार करती हैं. भाई को तिलक करती हैं. मन में एक ही कामना होती है कि भगवान उनके भाई को हर संकट से बचाए. तिलक के बाद भाई की आरती की जाती है. भाईदूज पर भाई को पान खिलाने का भी दस्तूर है।

पौराणिक मान्यताएं
पुराणों में भाईदूज से जुड़ी अलग अलग कहानियां मौजूद हैं. एक किवदंती के अनुसार सूर्य देव के पुत्र यम और पुत्री यमी थीं. विवाह के बाद यमी को भाई से मिलने का मौका कम ही मिलता है. कार्तिक माह में एक बार यम उनसे मिलन पहुंचते हैं. यमी अपने भाई का बहुत आदर सत्कार करती हैं. प्रसन्न होकर यम उनसे भेंट के लिए कहते हैं. बहन यमी कहती हैं कि भाई कितना भी व्यस्त रहे पर इस दिन हर वर्ष अपनी बहन से जरूर मिले. उसके बाद से भाईदूज की परंपरा शुरू हुई. यही वजह है कि इस पर्व को यम द्वितिया भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि भाईदूज पर भाई को तिलक कर बहन यम से भाई की लंबी उम्र की प्रार्थना करती है. माना जाता है कि यही प्रार्थना भाई को अकाल मृत्यु से भी बचाती

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