नयी दिल्ली . आईआरसीटीसी ने धर्मस्थलों को जाने वाली ट्रेनों के लिए शाकाहारी भोजन पकाने, ढुलाई और उसके भंडारण की प्रकिया के प्रमाणन के लिए सोमवार को भारतीय सात्विक परिषद (एससीआई) के साथ हाथ मिलाया है. रेलवे की इस खानपान शाखा ने अपने मूलभूत रसोईघरों का तीसरे पक्ष को आॅडिट का निमंत्रण दिया है ताकि वहां ऐसे भोजने को पकाने में शाकाहारी माहौल सुनिश्चित हो.
अधिकारियों ने बताया कि इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि न केवल इच्छुक यात्रियों को शुद्ध शाकाहारी परोसा जाए बल्कि भोजन पकाने की प्रक्रिया भी सात्विक हो. आईआरसीटीसी के प्रवक्ता आनंद झा ने कहा, ‘‘बयूरो वेरिटास के तीसरी पक्ष के ऑडिट के तहत एससीआई के मानकों के अनुसार सात्विक प्रमाणन शाकाहारी भोजन बनाने के प्रमाणन की प्रक्रिया है. ऐसे यात्री होते हैं जो शाकाहारी माहौल जैसे क्षेत्र , बर्तन आदि में पकाये गये शाकाहारी भोजन की मांग करते हैं. ऐसे में शाकाहारी भोजन को लेकर उसके पकाये जाने एवं परोसे जाने के प्रति यात्रियों का विश्वास हासिल करने में मदद मिलने की उम्मीद है. ’’
झा ने कहा, ‘‘ इसका अनिवार्य तौर पर मतलब यह नहीं है कि मांसाहारी भोजन पकाने एवं परोसने में कोई पाबंदी होगी. यह प्रमाणन बस वर्तमान मानकों के प्रमाणन की दिशा में एक कदम है जिसके तहत शाकाहारी भोजन पकाये जाते हैं एवं परोसे जाते हैं.’’ एससीआई की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि एनजीओ ने सात्विक प्रमाणन योजना एवं दुनिया की पहली यात्री आॅडिट मॉड्यूल शुरू किया. उसने यह भी कहा कि इसकी शुरुआत दिल्ली और कटरा के बीच चलने वाली वंदेभारत एक्सप्रेस से की गयी है और बाद में 18 अन्य ट्रेनों में इसका विस्तार किया जाएगा. यह मुख्य तौर पर धर्मस्थलों वाली ट्रेनों के लिए होगा.