कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक डॉक्टर की तस्वीर वायरल हो रही थी। वह अस्पताल में एक बुजुर्ग कोरोना मरीज को गले लगाकर सांत्वना दे रहे थे। अमेरिका के ह्यूस्टन में एक छोटे से अस्पताल में चीफ ऑफ स्टाफ डॉ. जोसेफ वॉरन की एक और तस्वीर त्रासदी के इस समय में उम्मीद जगाने वाली है। इस तस्वीर में वह थैंक्सगिविंग के मौके पर एक मरीज के परिजनों को वीडियो कॉल पर हाथ हिलाकर संबोधित कर रहे थे। तस्वीरों में दिखती डॉ. वॉरन की इस जीवटता पर तब और गर्व होने लगता है जब पता चलता है कि वह 260 से भी ज्यादा दिनों से लगातार बिना छुट्टी लिए काम कर रहे हैं।
Viral Texas Doctor: अमेरिका के एक डॉक्टर की तस्वीर कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी। डॉ. जोसेफ वॉरन का कहना है कि उन्होंने 260 दिन से छुट्टी नहीं ली है और उनका स्टाफ बुरी तरह थक चुका है।
कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक डॉक्टर की तस्वीर वायरल हो रही थी। वह अस्पताल में एक बुजुर्ग कोरोना मरीज को गले लगाकर सांत्वना दे रहे थे। अमेरिका के ह्यूस्टन में एक छोटे से अस्पताल में चीफ ऑफ स्टाफ डॉ. जोसेफ वॉरन की एक और तस्वीर त्रासदी के इस समय में उम्मीद जगाने वाली है। इस तस्वीर में वह थैंक्सगिविंग के मौके पर एक मरीज के परिजनों को वीडियो कॉल पर हाथ हिलाकर संबोधित कर रहे थे। तस्वीरों में दिखती डॉ. वॉरन की इस जीवटता पर तब और गर्व होने लगता है जब पता चलता है कि वह 260 से भी ज्यादा दिनों से लगातार बिना छुट्टी लिए काम कर रहे हैं।
‘फूट-फूटकर रोने लगता है स्टाफ’
डॉ. वॉरन हर दिन कुछ घंटों के लिए घर जाते हैं और इस दौरान भी उनका फोन बजता रहता है। वह सिर्फ एक-दो घंटे के लिए ही सोते हैं। जो मिलता है, खा लेते हैं क्योंकि उन्हें नहीं पता होता कि अगली बार खाना कब मिलेगा। वह बताते हैं कि उनका स्टाफ बुरी तरह थक चुका है, नर्स दिन के बीच में फूट-फूटकर रोने लगते हैं। इतनी बड़ी संख्या में मरीजों को देखते-देखते वे अब थक गए हैं। क्रिटिकल केयर कोविड वॉर्ड के अंदर बेड भर चुके हैं।
अकेले देखकर लगाया गले
अस्पताल में हेल्थवर्कर्स प्रोटेक्टिव सूट पहने रहते हैं। वॉरन और कुछ दूसरे स्टाफ ने अपने गले में अपनी तस्वीरें पहन रखी हैं। वह कहते हैं कि बुजुर्ग शख्स को अपने वॉर्ड में बिलकुल अकेला देखकर उन्होंने गले लगा लिया था। कुछ वक्त के लिए सेना की टीम अस्पताल की मदद को आई थी। अब वह वापस जा चुकी है और स्टाफ का काम जारी है। वॉरन महामारी को कंट्रोल करने की अमेरिका की असमर्थता पर नाराज होते हैं।
‘शायद हम आराम कर सकें’
अस्पताल में एक और नर्स हैं डिमित्रा रैन्सम जो फ्लोरिडा से न्यूयॉर्क और फिर ह्यूस्टन के इस अस्पताल पहुंची हैं। वह मरीजों को सांत्वना देने के लिए उनके हाथ और कंधे थामती हैं। वह उन लोगों से भी बातें करती हैं जो कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते। वॉरन कहते हैं कि लोग बार, रेस्तरां और मॉल में जा रहे हैं, यह पागलपन है। लोग सुनते हैं नहीं हैं और फिर आईसीयू में पहुंच जाते हैं। उनका कहना है कि अमेरिका के लोग अगर सामान्य निर्देशों का पालन करें, तो उनके जैसे स्वास्थ्यकर्मी शायद आराम कर सकें।