अमेरिका मध्य पूर्व में स्थित अपने सैन्य ठिकानों पर हमले की खुफिया सूचना के बाद ऐक्शन में है। इस क्षेत्र में मौजूद सभी अमेरिकी मिशनों और सैन्य बेसों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इतना ही नही, अमेरिका ने शॉर्ट नोटिस पर नान स्टॉप फ्लाइट के जरिए अपने बी-52 स्ट्रैटजिक परमाणु बॉम्बर्स के एक स्कॉड्रन को भी खाड़ी देशों में तैनात कर दिया है। ऐसी रिपोर्ट है कि ईरानी परमाणु वैज्ञानिक डॉ मोहसिन फखरीजादेह की हत्या का बदला लेने के लिए ईरान समर्थित आतंकी हमला करने की फिराक में हैं।
US Iran Tension: अमेरिका मध्य पूर्व में स्थित अपने सैन्य ठिकानों पर हमले की खुफिया सूचना के बाद ऐक्शन में है। इस क्षेत्र में मौजूद सभी अमेरिकी मिशनों और सैन्य बेसों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इतना ही नही, अमेरिका ने शॉर्ट नोटिस पर नान स्टॉप फ्लाइट के जरिए अपने बी-52 स्ट्रैटजिक परमाणु बॉम्बर्स के एक स्कॉड्रन को भी खाड़ी देशों में तैनात कर दिया है।
अमेरिका मध्य पूर्व में स्थित अपने सैन्य ठिकानों पर हमले की खुफिया सूचना के बाद ऐक्शन में है। इस क्षेत्र में मौजूद सभी अमेरिकी मिशनों और सैन्य बेसों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इतना ही नही, अमेरिका ने शॉर्ट नोटिस पर नान स्टॉप फ्लाइट के जरिए अपने बी-52 स्ट्रैटजिक परमाणु बॉम्बर्स के एक स्कॉड्रन को भी खाड़ी देशों में तैनात कर दिया है। ऐसी रिपोर्ट है कि ईरानी परमाणु वैज्ञानिक डॉ मोहसिन फखरीजादेह की हत्या का बदला लेने के लिए ईरान समर्थित आतंकी हमला करने की फिराक में हैं।
ईरान के पास पहुंचे अमेरिकी परमाणु बॉम्बर्स
अमेरिका से शक्ति का प्रतीक माने जाने वाले बी-52 बॉम्बर्स के एक जोड़े को लुइसियाना के बार्कडेल एयरफोर्स स्टेशन से शॉर्ट नोटिस पर मध्य पूर्व के लिए रवाना किया गया है। यूएस सेंट्रल कमांड ने इस रिपोर्ट की पुष्टि करते हुए कहा कि मध्य पूर्व में अपने दुश्मनों के आक्रामकता को रोकने के लिए यह तैनाती की गई है। इस हमलावर विमानों के साथ सऊदी अरब, कतर और यूएई के फाइटर जेट भी उड़ान भरेंगे।
अमेरिकी सेना का दावा- हमसे कोई शक्तिशाली नहीं
यूएस सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के कमांडर जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने कहा कि संभावित विरोधियों को यह समझना चाहिए कि धरती पर कोई भी राष्ट्र आक्रामक स्थिति में अतिरिक्त लड़ाकू विमानों को तैनात करने के लिए हमसे अधिक तैयार और सक्षम नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि वह किस विरोधी देश के बारे में यह बयान दे रहे हैं। माना जा रहा है कि ईरान के साथ बढ़ते तनातनी को लेकर ही अमेरिकी सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने यह बयान दिया है।
परमाणु क्रूज मिसाइलों से लैस हैं अमेरिकी बॉम्बर्स
अमेरिका ने जिन B-52 बॉम्बर्स को खाड़ी देशों में तैनात किया है, वे परमाणु क्रूज मिसाइल से भी हमला कर सकते हैं। अमेरिकी सेना के इस विमान को लेकर कहा था कि ‘जब हम उड़ान भरते हैं तो तत्काल लक्ष्य खतरे में आ जाता है।’ अमेरिका की एयर लॉन्च क्रूज मिसाइल (ALCM) 2500 किलोमीटर की दूरी परमाणु बम गिराने में सक्षम है। इसका मतलब यह हुआ कि यह अमेरिकी सबसोनिक क्रूज मिसाइल अगर ब्रिटेन के आकाश से दागी जाए तो रूस की राजधानी मास्को को बर्बाद किया जा सकता है। AGM-86 नामक क्रूज मिसाइल को अमेरिका की बोइंग कंपनी ने बनाया है। यह मिसाइल दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देते हुए हमला करने में सक्षम है।
विश्व के सबसे घातक बॉम्बर में शामिल है B-52
ये बमवर्षक विमान परमाणु और परंपरागत दोनों ही तरह के हथियारों और मिसाइलों से लैस होते हैं। यह बॉम्बर एक बार में 32,000 किलो हथियार ले जा सकता है। इसकी मारक क्षमता करीब 14,080 किलोमीटर है। इसमें 6 इंजन लगे होते हैं और इसे खासतौर रूसी खतरे को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। अमेरिका ने 58 B-52 बमवर्षक विमानों को एक्टिव ड्यूटी पर लगा रखा है। यह सबसॉनिक स्पीड से उड़ान भरने में सक्षम है।
एयरक्राफ्ट कैरियर USS निमित्ज भी तैनात
अमेरिका ने खाड़ी के देशों के पास ही अपने सबसे शक्तिशाली एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज को भी तैनात करके रखा हुआ है। युद्ध के दौरान यह एयरक्राफ्ट कैरियर किसी रणनीतिक एयरबेस के रूप में दुश्मनों को बर्बाद करने में सक्षम है। इसके अलावा यूएसएस रोनाल्ड रीगन साउथ चाइना सी में जबकि यूएएसएस थियोडोर रुजवेल्ट फिलीपीन सागर के आस पास गश्त लगा रहा है।
कितना शक्तिशाली है यूएसएस निमित्ज
अमेरिका के सुपरकैरियर्स में यूएसएस निमित्ज को बहुत ताकतवर माना जाता है। परमाणु शक्ति से चलने वाले इस एयरक्राफ्ट कैरियर को अमेरिकी नौसेना में 3 मई 1975 को कमीशन किया गया था। यह कैरियर स्टाइक ग्रुप 11 का अंग जो अकेले अपने दम पर कई देशों को बर्बाद करने की ताकत रखता है। 332 मीटर लंबे इस एयरक्राफ्ट कैरियर पर 90 लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर्स के अलावा 3000 के आसपास नौसैनिक तैनात होते हैं।