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सरकार नए श्रम कानूनों को लागू करने वाली है. सरकार लागू करने से पहले इसके नियमों को और ज्यादा फाइन-ट्यून करने में लगी है, ताकि लागू होने के बाद कोई दिक्कत पेश न आए. इस नए नियम में छुट्टियों और काम करने के घंटे से लेकर सैलरी तक के नियम बदल जाएंगे.
इसे 1 अप्रैल से लागू किया जाना था, फिर जुलाई में लागू करने की चर्चा ने जोर पकड़ा, इसके बाद 1 अक्टूबर से लागू करने की तैयारी थी. अब नए साल में लागू किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है.
सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव
नए साल में नौकरीपेशा लोगों के सैलरी स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. कर्मचारियों की Take Home Salary में कमी आ सकती है. इसके अलावा काम के घंटे, ओवरटाइम, ब्रेक टाइम जैसी चीजों को लेकर भी नए लेबर कोड में प्रावधान किए गए हैं. इसे एक-एक करके समझेंगे लेकिन सबसे पहले ये समझते हैं कि नया वेज कोड है क्या?
क्या है नया वेज कोड?
सरकार ने 29 श्रम कानूनों को मिलाकर 4 नए वेज कोड तैयार किए हैं. संसद ने अगस्त 2019 को तीन लेबर कोड इंडस्ट्रियल रिलेशन, काम की सुरक्षा, हेल्थ और वर्किंग कंडीशन और सोशल सिक्योरिटी से जुड़े नियमों में बदलाव किया था. ये नियम सितंबर 2020 को पास हो गए थे
ये चार कोड हैं
1- कोड ऑन वेजेज
2- इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड
3- ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ (OSH)
4- सोशल सिक्योरिटी कोड
एक साथ ही लागू होंगे चारों कोड
सरकारी सूत्रों के मुताबिक ये सभी कोड एक साथ ही लागू किए जाएंगे. वेज कोड एक्ट 2019 के मुताबिक, किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी कंपनी की लागत के 50 परसेंट से कम नहीं हो सकती है. अभी कई कंपनियां बेसिक सैलरी को काफी कम करके ऊपर से भत्ते ज्यादा देती हैं ताकि कंपनी पर बोझ कम पड़े.
30 मिनट ज्यादा काम किया तो ओवरटाइम
नए ड्राफ्ट कानून में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है. मौजूदा नियम में 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम योग्य नहीं माना गया है. ड्राफ्ट नियमों में किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम नहीं कराया जा सकता है. हर पांच घंटे के बाद उसको 30 मिनट का ब्रेक देना अनिवार्य किया गया है.
सैलरी स्ट्रक्चर पूरी तरह बदल जाएगा
वेज कोड एक्ट, 2019 के लागू होने के बाद कर्मचारियों का सैलरी स्ट्रक्चर पूरी तरह बदल जाएगा. कर्मचारियों की ‘Take Home Salary’ घट जाएगी, क्योंकि Basic Pay बढ़ने से कर्मचारियों का PF ज्यादा कटेगा यानी उनका भविष्य ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा. पीएफ के साथ-साथ ग्रैच्युटी (Monthly Gratuity) में भी योगदान बढ़ जाएगा. यानी टेक होम सैलरी जरूर घटेगी लेकिन कर्मचारी को रिटायरमेंट पर ज्यादा रकम मिलेगी. असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी नया वेज कोड लागू होगा. सैलरी और बोनस से जुड़े नियम बदलेंगे और हर इंडस्ट्री और सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में समानता आएगी.
काम के घंटे, छुट्टियों पर भी असर होगा
EPFO बोर्ड मेंबर और भारतीय मजदूर संघ के जनरल सेक्रेटरी विरजेश उपाध्याय के मुताबिक, कर्मचारियों के काम के घंटे, सालाना छुट्टियां, पेंशन, PF, टेक होम सैलरी, रिटायरमेंट जैसे अहम मुद्दे पर नियमों में बदलाव होना है. श्रम मंत्रालय के लेबर रिफॉर्म सेल के एक अधिकारी के मुताबिक लेबर यूनियन ने PF और सालाना छुट्टियों को लेकर मांग रखी है, यूनियन की मांग है कि Earned leave को 240 से बढ़ाकर 300 कर देना चाहिए.