डंका न्यूज डेस्क
रायपुर। शिक्षा विभाग में लेनदेन के रिकॉर्ड का दावा करने वाली एक कथित डायरी से छत्तीसगढ़ की राजनीति में सियासत तेज हो गई है। इस कथित डायरी के पन्नों में लेन-देन की इबारतों के साथ शिक्षा विभाग के उप संचालक के नाम से मुख्यमंत्री तक शिकायत पहुंची है। पहले उप संचालक ने इसके खिलाफ थाने में शिकायत की। विपक्ष हमलावर हुआ तो खुद स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दरबार में पहुंच गए। मंत्री ने जांच की मांग की है।
लोक शिक्षण संचालनालय के उप संचालक आशुतोष चावरे के हस्ताक्षर वाला फर्जी शिकायती पत्र इस समय वायरल है। इसमें एक डायरी के पन्नों का हवाला देते हुए शिक्षकों के पदस्थापना में 366 करोड़ के लेनदेन की बात कही गई है। मामला सामने आने के बाद उप संचालक आशुतोष चावरे ने राखी थाने में अपनी तरफ से एफआईआर दर्ज कराई है। उनका कहना है, अज्ञात व्यक्तियों ने उनके नाम, पदनाम और सील का गलत उपयोग कर फर्जी शिकायत पत्र तैयार किया है। इसे जनप्रतिनिधियों तथा विभिन्न संस्थानों को भेजा जा रहा है। इस कथित शिकायती पत्र में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, उनकी पत्नी और ओएसडी पर सीधे आरोप लगाए गए हैं।
भाजपा विधायक दल के नेता धरमलाल कौशिक ने कहा, 366 करोड़ का लेन-देन तो सिर्फ एक अधिकारी के डायरी में है। ऐसी कई डायरियां अभी सामने आने वाली हैं। डायरी में सिलसिलेवार तरीके से एक-एक व्यक्ति से लेन-देन का विवरण बताता है कि कांग्रेस सरकार कितनी भ्रष्ट है। उन्होंने कहा कि आखिरकार कौन सी भाभीजी को और कौन से बड़े साहब को राशि दी गई है। भाभी जी को 25 करोड़ रुपए कई किश्तों में पहुंचाए गए हैं। बड़े साहब को भी कई करोड़ रुपए पहुंचाए गए हैं। नेता प्रतिपक्ष ने पूरे मामले की जांच की मांग की है।
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने इस पूरे एपिसोड को भाजपा का षड्यंत्र बताया है। टेकाम ने कहा, यह पूरा मामला फर्जी है। जिनके नाम से शिकायत हुई है उसने थाने में जाकर कहा कि उसने कोई शिकायत नहीं की है। उसके नाम और हस्ताक्षर का दुरुपयोग किया गया है। डॉ. टेकाम ने कहा, सबको याद होगा कि 2018 के चुनाव के समय भी एक फर्जी पत्र वायरल हुआ था। इसमें संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी और प्रभारी महामंत्री गिरीश देवांगन के नाम और पैड का उपयोग कर कहा गया था कि सत्ता में आने के बाद कर्जमाफी नहीं होगी। यह भाजपा का बनाया शिगुफा था। इस बार भी भाजपा की ओर से सरकार को बदनाम करने की साजिश की गई है।