ओछी राजनीति का आरोप लगाकर विपक्ष पर निशाना साधने वाले बीजेपी अपनी ही सरकार में सवालों के घेरे में आ गए हैं। खड्डा क्षेत्र से विधायक पर ग्रामीणों ने सीलिंग की जमीन पर मंदिर निर्माण कर भूमि कब्जाने का आरोप लगाया है। वहीं, एसडीएम ने इस मामले की जांच कराने का आदेश दिया है।
जानकारी के अनुसार, रामपुर गोन्हा गांव में सड़क के किनारे एक बड़े भूखंड पर टिन शेड डालकर शनि देव मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है। इस पर ग्रामीणों ने आपत्ति जताई है। ग्रामीणों का कहना है कि विधायक जटाशंकर त्रिपाठी सीलिंग की जमीन पर मंदिर निर्माण कराने के नाम पर जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। गांववालों के मुताबिक, ग्राम सभा में सीलिंग व बंजर भूमि के नाम पर लगभग 2200 एकड़ जमीन भूलेख में दर्ज है। इस जमीन पर कब्जा करने के लिए हमेशा दबंगों व नेताओं की नजर रहती है। मंदिर का निर्माण भी इसी जमीन पर किया जा रहा है। वहीं, ग्रामीणों का यह भी कहना है कि विधायक के डर से कोई शिकायत नही दर्ज करवा रहा है।
शनिदेव मंदिर निर्माण के साथ विधायक के लगे पोस्टर
मंदिर निर्माण को लेकर खड्डा क्षेत्र के सड़क व चौराहों पर विधायक जटाशंकर त्रिपाठी के पोस्टर और बैनर लगे हुए हैं। इसमें विधायक जटाशंकर के अलावा संस्थापक भगत इंद्रपाल मौर्या का नाम लिखा हुआ है।
क्या है सीलिंग जमीन
जमीदारी प्रथा के उन्मूलन के बाद 1961 में सीलिंग एक्ट लागू किया गया। कानून बनने के बाद एक परिवार को 15 एकड़ से ज्यादा सिंचित भूमि रखने का अधिकार नहीं है। असिंचित भूमि के मामले में यह रकबा 18 एकड़ तक है। वहीं, सीलिंग एक्ट 1976 के तहत आबादी क्षेत्र में किसी भी खातेदार के पास 500 मीटर जमीन से अतिरिक्त भूमि को सीलिंग भूमि घोषित किया गया है।
कराई जा रही जांच: एसडीएम
उधर, इस मामले में एसडीएम अरविंद कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में है। जांच कराने के बाद नियमानुसार कार्यवाई की जाएगी। इस मामले में विधायक की तरफ से कोई प्रतिक्रिया अभी नहीं आई है।