रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। अब भारतीय रेलवे ने ट्रेन में हाईजीन का ध्यान रखते हुए सख्त कदम उठान का फैसला लिया है। कोरोना वायरस महामारी के कारण कई महीनों तक पैन्ट्री की सर्विस बंद थी। जिसे अब दोबारा शुरू कर दिया गया है। हालांकि खाने की क्वालिटी को लेकर शिकायतें आ रही हैं। ऐसे में अब ट्रेन में रेगुलर खाने की जांच होगी। इसके लिए रेलवे फूड सेफ्टी सुपरवाइजर तैनात करेगा।
ट्रेन में होगी खानपान की जांच
भारतीय रेलवे अब नियमित तौर पर खानपान की जांच करेगी। अगर इस दौरान कोई शिकायत मिलती है, तो उसे तुरंत सुधारा भी जाएगा। आईआरसीटी ने बेस किचन में खाने की गुणवत्ता की रोजाना जांच करने की बात कही। इसके लिए 50 फूड सेफ्टी सुपरवाइजर को तैनात किया जाएगा। वहीं खाद्य पदार्थों की जांच के लिए प्राइवेट लैब की सहायता ली जाएगी।
यात्रियों की समस्या नहीं हुई दूर
ट्रेनों में मिलने वाले खाने को लेकर यात्रियों की लगातार शिकायत रहती है। इसे दूर करने के लिए रेलवे द्वारा सख्ती से कदम उठाए जा रहे हैं। इससे गुणवत्ता में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन पैसेंजर्स की समस्या का हल नहीं हुआ। इस लिए रेलवे ने एफएसएस तैनात करने का निर्णय लिया है। फिलहाल 50 लोगों की नियुक्ति की जाएगी। जिसके लिए आवेदन मांगे गए हैं। बता दें कोविड महामारी से पहले IRCTC के 46 बेस किचन थे। हर किचन में एक फूड सेफ्टी सुपरवाइजर की ड्यूटी लगेगी।
प्राइवेट एजेंसी करेगी सर्वे
रसोई में बनने वाले भोजन की गुणवत्ता जांच करने की जिम्मेदारी एफएसएस पर होगी। वहीं रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में मिलने वाले खाने से यात्री कितने संतुष्ट हैं। इसके लिए प्राइवेट एजेंसी सर्व करेगी। एजेंसी को दो वर्ष के लिए काम दिया जाएगा। एजेंसी के कर्मचारी रेलवे स्टेशनों पर खानपान के स्टॉल और यात्रियों से बात करके रिपोर्ट तैयार करेंगे।