गोरखपुर
यूं तो लेडी डॉन का किरदार फिल्मों में ही देखने और सुनने को मिलता है। लेकिन किसी महिला के डॉन बनने के मामले गिने-चुने ही सामने आते हैं। 1999 में एक फिल्म आई गॉड मदर। माना जाता है कि इसका किरदार गुजरात के पोरबंदर की लेडी डॉन संतोक बेन जडेजा से प्रेरित था। गोरखपुर की गलियां कभी हरिशंकर तिवारी और वीरेंद्र शाही के गैंगवॉर की गवाह रही हैं। वहीं 90 के दशक में दुर्दांत श्रीप्रकाश शुक्ला का नाम अंडरवर्ल्ड में तेजी से उभरा। इन दिनों एक लेडी डॉन गीता तिवारी चर्चा में है। अपराध जगत में गीता तिवारी को पूर्वांचल की पहली लेडी डॉन के रूप में देखा जा रहा है। हाल ही अपनी नातिन की बर्थडे पार्टी में ताबड़तोड़ फायरिंग के बाद वह चर्चा में आई। आइए जानते हैं संवासिनी गृह में रहने वाली गीता कैसे बनी लेडी डॉन…हिंदू युवा वाहिनी कार्यकर्ता से शादी
बताते चलें कि गीता की शादी हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता शिवकुमार तिवारी से तत्कालीन जिलाधिकारी ने कराई थी। तिवारी दंपती शहर के कोतवाली क्षेत्र में किराए का मकान लेकर रहते थे। इस दौरान उसकी एक बेटी भी हुई और परिवार पर जिम्मेदारी बढ़ गई। इसी बीच पति शिव कुमार ने स्मैक की तस्करी का काला धंधा शुरू कर दिया। इस दौरान उसे हिंदू युवा वाहिनी ने निष्काषित कर दिया। पति की मौत के बाद अपराध जगत से नाताचार साल पहले शिवकुमार की मौत हो गई। पति की मौत के बाद घर चलाने के लिए गीता चोरी और कई दूसरी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने लगी। इसके साथ ही पति के काले कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए जिले के अपराधियों से उसने संपर्क बढ़ना शुरू किया। उसके घर पर भी अपराधियों का आना-जाना लगा रहता था। आपराधिक मामलों में नाम आने के बाद पुलिस ने गीता के ऊपर गैंगस्टर ऐक्ट लगा दिया।
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0 साल पहले एक छापे के दौरान गीता पहली बार गई जेल
शिवकुमार तिवारी से शादी के बाद गीता आर्केस्ट्रा का संचालन करने लगी थी। इसी दौरान करीब दस साल पहले शिवकुमार तिवारी के घर पुलिस का छापा पड़ा तो पांच अपराधी पकड़े गए। इसके बाद गीता इस मामले में पहली बार जेल गई। गीता चोरी, हत्या के प्रयास और लूट जैसे कई गंभीर मामलों में जेल की हवा खा चुकी है। 20 अक्टूबर 2020 को जमानत पर वह जेल से बाहर आई थी।
नातिन की बर्थडे पार्टी में फायरिंग के बाद फिर गिरफ्तारइसके बाद अपनी नातिन के घर गीता की ओर से बर्थडे पार्टी का आयोजन किया गया था। इस पार्टी में कुछ आपराधिक किस्म के लोग भी पहुंचे थे। इन लोगों ने पार्टी के दौरान ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। गोली लगने से दो शख्स गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस मामले में पुलिस ने गीता को नौसढ़ स्टेशन से गिरफ्तार करते हुए गोरखपुर जेल भेज दिया था। लेकिन यहां भी गीता की गुटबाजी और बुरे बर्ताव की वजह से उसे अब देवरिया जेल में शिफ्ट कर दिया गया है।
गोरखपुर जिले की सूर्य विहार कॉलोनी निवासी गीता पर हत्या के प्रयास, लूट के अलावा गैंगस्टर ऐक्ट के तहत अलग-अलग थानों में मुकदमे दर्ज हैं।
यूं तो लेडी डॉन का किरदार फिल्मों में ही देखने और सुनने को मिलता है। लेकिन किसी महिला के डॉन बनने के मामले गिने-चुने ही सामने आते हैं। 1999 में एक फिल्म आई गॉड मदर। माना जाता है कि इसका किरदार गुजरात के पोरबंदर की लेडी डॉन संतोक बेन जडेजा से प्रेरित था। गोरखपुर की गलियां कभी हरिशंकर तिवारी और वीरेंद्र शाही के गैंगवॉर की गवाह रही हैं। वहीं 90 के दशक में दुर्दांत श्रीप्रकाश शुक्ला का नाम अंडरवर्ल्ड में तेजी से उभरा। इन दिनों एक लेडी डॉन गीता तिवारी चर्चा में है। अपराध जगत में गीता तिवारी को पूर्वांचल की पहली लेडी डॉन के रूप में देखा जा रहा है। हाल ही अपनी नातिन की बर्थडे पार्टी में ताबड़तोड़ फायरिंग के बाद वह चर्चा में आई। आइए जानते हैं संवासिनी गृह में रहने वाली गीता कैसे बनी लेडी डॉन…हिंदू युवा वाहिनी कार्यकर्ता से शादी
बताते चलें कि गीता की शादी हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता शिवकुमार तिवारी से तत्कालीन जिलाधिकारी ने कराई थी। तिवारी दंपती शहर के कोतवाली क्षेत्र में किराए का मकान लेकर रहते थे। इस दौरान उसकी एक बेटी भी हुई और परिवार पर जिम्मेदारी बढ़ गई। इसी बीच पति शिव कुमार ने स्मैक की तस्करी का काला धंधा शुरू कर दिया। इस दौरान उसे हिंदू युवा वाहिनी ने निष्काषित कर दिया। पति की मौत के बाद अपराध जगत से नाताचार साल पहले शिवकुमार की मौत हो गई। पति की मौत के बाद घर चलाने के लिए गीता चोरी और कई दूसरी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने लगी। इसके साथ ही पति के काले कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए जिले के अपराधियों से उसने संपर्क बढ़ना शुरू किया। उसके घर पर भी अपराधियों का आना-जाना लगा रहता था। आपराधिक मामलों में नाम आने के बाद पुलिस ने गीता के ऊपर गैंगस्टर ऐक्ट लगा दिया।
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0 साल पहले एक छापे के दौरान गीता पहली बार गई जेल
शिवकुमार तिवारी से शादी के बाद गीता आर्केस्ट्रा का संचालन करने लगी थी। इसी दौरान करीब दस साल पहले शिवकुमार तिवारी के घर पुलिस का छापा पड़ा तो पांच अपराधी पकड़े गए। इसके बाद गीता इस मामले में पहली बार जेल गई। गीता चोरी, हत्या के प्रयास और लूट जैसे कई गंभीर मामलों में जेल की हवा खा चुकी है। 20 अक्टूबर 2020 को जमानत पर वह जेल से बाहर आई थी।
नातिन की बर्थडे पार्टी में फायरिंग के बाद फिर गिरफ्तारइसके बाद अपनी नातिन के घर गीता की ओर से बर्थडे पार्टी का आयोजन किया गया था। इस पार्टी में कुछ आपराधिक किस्म के लोग भी पहुंचे थे। इन लोगों ने पार्टी के दौरान ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। गोली लगने से दो शख्स गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस मामले में पुलिस ने गीता को नौसढ़ स्टेशन से गिरफ्तार करते हुए गोरखपुर जेल भेज दिया था। लेकिन यहां भी गीता की गुटबाजी और बुरे बर्ताव की वजह से उसे अब देवरिया जेल में शिफ्ट कर दिया गया है।
गोरखपुर जिले की सूर्य विहार कॉलोनी निवासी गीता पर हत्या के प्रयास, लूट के अलावा गैंगस्टर ऐक्ट के तहत अलग-अलग थानों में मुकदमे दर्ज हैं।