दूसरे ग्रहों पर जीवन है या नहीं, वैज्ञानिक इसकी खोज में जुटे हैं और इसी कड़ी में उन्होंने एक बड़ी खोज की है। दरअसल, वैज्ञानिकों को एक ऐसा ग्रह (exoplanet) मिला है जो एक सितारे का चक्कर काट रहा है। हालांकि, हैरान करने वाली बात यह है कि यह ग्रह एक चक्कर पूरा करने में 15 हजार साल लगाता है। ऐसा पहली बार है जब इतनी बड़ी कक्षा (orbit) देखी गई है। माना जाता है कि हमारे सोलर सिस्टम में भी एक बड़ी कक्षा वाला ऐसा ही ग्रह है- Planet Nine और ताजा रिसर्च में संभावना जताई गई है कि दोनों के बीच समानता हो सकती है। इससे हमारे सबसे करीबी exoplanet के बारे में और जानकारी मिल सकती है।
Exoplanet like Planet Nine: किसी सितारे का चक्कर काटते exoplanet की खोज 336 प्रकाशवर्ष दूर की गई है। यह खोज हमारे सोलर सिस्टम में मौजूद माने जा रहे Planet Nine के बारे में जानकारी जुटाने में मददगार हो सकती है।
दूसरे ग्रहों पर जीवन है या नहीं, वैज्ञानिक इसकी खोज में जुटे हैं और इसी कड़ी में उन्होंने एक बड़ी खोज की है। दरअसल, वैज्ञानिकों को एक ऐसा ग्रह (exoplanet) मिला है जो एक सितारे का चक्कर काट रहा है। हालांकि, हैरान करने वाली बात यह है कि यह ग्रह एक चक्कर पूरा करने में 15 हजार साल लगाता है। ऐसा पहली बार है जब इतनी बड़ी कक्षा (orbit) देखी गई है। माना जाता है कि हमारे सोलर सिस्टम में भी एक बड़ी कक्षा वाला ऐसा ही ग्रह है- Planet Nine और ताजा रिसर्च में संभावना जताई गई है कि दोनों के बीच समानता हो सकती है। इससे हमारे सबसे करीबी exoplanet के बारे में और जानकारी मिल सकती है।
दो सितारों का चक्कर काट रहा यह ग्रह
इस ग्रह को HD 106906 b नाम दिया गया है। इसकी खोज 2013 में की गई थी लेकिन तब इसकी कक्षा के बारे में जानकारी नहीं थी। इसलिए यह ग्रह है, ऐसा भी नहीं कहा जा सका था। Hubble Telescope की सटीकता से इसके मूवमेंट का पता लगाया जा सका है। इसका द्रव्यमान (mass) बृहस्पति (Jupiter) से 11 गुना ज्यादा है। ये दो HD 106906 सितारों का चक्कर काट रहा है। ये दोनों सितारे 1.5 करोड़ साल पुराने हैं और 100 दिन में एक-दूसरे का चक्कर पूरा कर लेते हैं। ये पूरा सिस्टम हमसे 336 प्रकाशवर्ष दूर है।
कैसे बना HD 106906 b?
वैज्ञानिकों का मानना है कि HD 106906 b हमारे सोलर सिस्टम में शायद मौजूद Planet Nine जैसा लगता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के ऐस्ट्रोनॉमर माईजी गुयेन का कहना है कि HD 106906 b अपने सितारों से काफी दूर है जैसा कि Planet Nine में लगता है। इससे सवाल पैदा होता है कि ये ग्रह कैसे बने और अपनी मौजूदा स्थिति तक कैसे पहुंचे? Hubble से मिले 14 साल के डेटा के आधार पर इसकी कक्षा का पता लगाया गया है।
यहां कैसे पहुंचे यह ग्रह?
इसके अलावा वैज्ञानिकों को यह भी पता लगा कि यह ग्रह दोनों सितारों के किनारे मौजूद मलबे की डिस्क से एक कोण पर चक्कर काट रहा है। गुयेन हमारे सोलर सिस्टम से इसकी तुलना करते हुए बताते हैं कि यहां सभी ग्रह एक ही प्लेन पर यानी समस्तर हैं। इससे यह भी सवाल पैदा होता है कि वह HD 106906 b इस कोण पर कैसे पहुंचा? हो सकता है कि यह कहीं दूर से यहां पहुंचा हो और सितारों के गुरुत्वाकर्षण के कारण कक्षा में घूमने लगा। टीम को यह भी लगता है कि हो सकता है कि इस डिस्क में ही HD 106906 b बना हो और फिर किसी गुजरते सितारे की वजह से इस कोण पर स्थापित हो गया।
Planet Nine बना है पहेली
दरअसल, Neptune (वरुण ग्रह) की कक्षा के पीछे अजीब तरह से एक-दूसरे से सटे ऑब्जेक्ट्स को लेकर माना जाता है कि उनकी कक्षा में कोई बड़ी चीज आ रही है। इसे अभी तक डिटेक्ट नहीं किया जा सका है। इसी साल जुलाई में की गई एक रिसर्च में संभावना जताई गई थी कि यह एक विशल ग्रह या ब्लैकहोल हो सकता है जिसने धरती के 10 गुना आकार का mass (द्रव्यमान) ग्रेपफ्रूट के आकार में समेट रखा हो। अगर इसकी मौजूदगी की पुष्टि होती है तो दो सदियों में मिलने वाला यह पहला ग्रह होगा।