डंका न्यूज डेस्क
रायपुर : मां-बाप के खराब रिश्तों का खमियाजा बच्चे को भुगतना पड़ता है। जो बच्चा हास्टल में पढ़ रहा था, वह मौसी के घर काम करने को मजबूर हो गया। इस तरह आठ साल तक बंधक रहा। यह कहानी उस किशोर की है, जिसके माता-पिता ने दूसरी शादी कर ली तो नौ साल की उम्र में उसके सिर से अभिभावक का साया उठ गया। ऐसे में स्वार्थ में डूबी मौसी ने समाज के सामने सहानुभूति का प्रदर्शन करते हुए बच्चे को अपने पास रख लिया।
मौसा-मौसी बच्चे को प्रताड़ित करने लगे। उसकी पढ़ाई छुड़वा दी और घर का पूरा काम लेने लगे। उसे भरपेट भोजन तक नहीं देते थे। मारपीट भी करते थे। पिछले आठ साल से बच्चा यह प्रताड़ना झेलते हुए अब 17 साल का किशोर हो गया है। पड़ोसियों ने प्रताड़ना का वीडियो बनाकर पुलिस और महिला एवं बाल विकास विभाग तक पहुंचाया।
इस आधार पर पुलिस टीम ने बुधवार रात को राजेंद्रनगर इलाके से रेस्क्यू कर बच्चे को छुड़वा लिया है। मामले में राजेंद्रनगर थाना पुलिस ने रायपुर के अमलीडीह स्थित सोलस हाइट्स सोसाइटी के फ्लैट में रहने वाली उसकी मौसी और मौसा के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर लिया है। फिलहाल दोनों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
पुरानी बस्ती सीएसपी राजेश चौधरी ने बताया कि सामाजिक कार्यकर्ता अभिमन्यु बरिहा (33) की शिकायत पर राजेंद्रनगर पुलिस थाने में धारा जेजे एक्ट 75,323 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। कचना में वर्ष 2014 से पहले करण कुमार (परिवर्तित नाम) की मां लक्ष्मी (परिवर्तित नाम) ने दूसरी शादी करने के बाद अपने आठ साल के बेटे का पालन-पोषण करने बड़ी बहन सविता कुमारी (परिवर्तित नाम) को सौंप दिया था।