बिलासपुर. ट्रेनें कैंसिल होने का साइड इफेक्ट यात्रियों के साथ ही साथ कुलियों पर भी पड़ रहा है. कुलियों की दो दिनों से बोहनी तक नहीं हुई है. बोझ ढोने वालों की जिंदगी अब और बोझिल हो गई है. कुलियों का कहना है कि ऐसी हालत में कैसे गुजर-बसर करेंगे. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की 22 ट्रेनें कैंसिल हो जाने से कुलियों पर आर्थिक संकट का बादल मंडराने लगा है. रेलवे ज़ोन मुख्यालय ने 23 अप्रैल को अचानक से आदेश जारी कर आगामी 24 अप्रैल से लेकर 23 मई तक 22 ट्रेने कैंसल कर दिया. इसमें बिलासपुर स्टेशन से अलग-अलग दिशानों में गुजरने और छूटने वाली गाड़ियां प्रभावित हुई है. जिसमें बिलासपुर स्टेशन के करीब दो सौ कुली सीधे रूप से प्रभावित हुए हैं. इस सम्बन्ध में कुलियों ने अपनी7प8 व्यथा व्यक्त करते हुए कहा कि आज दूसरा दिन होने जा रहा है, अब तक बोहनी नहीं हो पाई है. रविवार को सुबह से लेकर शाम तक पूरा दिन खाली बैठे रह गए. एक भी काम हाथ नहीं लगा. जिसके चलते वे अपने घर निराशा लेकर खाली हाथ ही पहुँच गए.वही आज सोमवार को फिर एक नई उम्मीद लेकर पहुंचे, लेकिन आज भी धंधा मंदा होने से कुलियों में ट्रेन कैंसिल करने से काफी नाराजगी नज़र आने लगा है. अपने इस दर्द को बयां करते हुए आगे कहा कि हमारी तो सुनने वाला कोई नहीं है. हमारा और हमारे घर का गुजारा रोज के सामान की ढुलाई और मेहनत, मजदूरी से चलता है. लेकिन ट्रेनें कैंसिल रहेंगी तो हमारा कामकाज कैसे चलेगा. अब तो आँखों में आर्थिक संकट छाने लगा है. कल भी बिना रोजी कमाए हम घर लौट गए थे और आज का तो भगवान ही मालिक है. बड़ी मुश्किलों से कोरोना संक्रमण काल के बाद जनजीवन वापस से पटरी पर लौट रही थी, लेकिन अब फिर से मुश्किलें बढ़ने लगी है. अपने और बच्चों का पेट पालने के लिए दोबारा कर्ज लेकर जिन्दगी जीने को मजबूर होना पड़ेगा. वैसे भी आजकल बैगों में ट्रालियां लगी रहती है, जिसके कारण काम भी आज कल बहुत कम हो गया है. इससे घर परिवार का संचालन और बच्चों की परवरिश, स्कूल फीस आदि की बड़ी समस्या होती है. इसके बाद भी अगर कुलियों के लिए नहीं सोचा गया तो आने वाले दिनों में कुलियों को अपना कामकाज बदलने की नौबत आ जाएगी. लेकिन अफ़सोस तो तब होता है कि जब सुबह से एक बड़ी उम्मीद लेकर आते हैं और शाम को निराशा लेकर घर जाते हैं तो मन दुःख से भरा होता ह CPRO साकेत रंजन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की 22 ट्रेने कैंसल होने से मुसाफिरों का सफ़र मुश्किलों से गुजरने लगा है. बिलासपुर रेलवे जोन ने 23 अप्रैल को आदेश जारी करके 22 ट्रेने कैंसल कर दी थी, जिससे बिलासपुर से अलग-अलग दिशानों में छूटने और गुजरने वाली गाड़ियां प्रभावित हुई है. इसके अलावा सामान्य ट्रेनें अपने निर्धारित समय से काफी लेट चल रही है. ऐसे गर्मी के सीजन में ट्रेनों के कैंसल होने से यात्रियों को मुसीबतों के बीच सफ़र करने को मजबूर होना पड़ रहा है. इस सन्दर्भ में बिलासपुर संवाददाता संदीप करिहार ने SECR रेलवे जोन के CPRO साकेत रंजन से ख़ास बातचीत की. इसमें साकेत रंजन ने रेलवे की ओर से सफाई देते हुए बताया कि रेलवे बोर्ड की उच्च समिति के निर्णय के अनुसार पर बिलासपुर तथा अन्य ज़ोन के ट्रेनों को रद्द करने का निर्णय लिया गया है. इस दौरान डेवलपमेंट व मरम्मत कार्य किये जाएंगे. इस ट्रेन कैंसिलेशन पर यात्रियों को रेलवे के निर्णय को समझने और सहयोग करने की जरूरत है. भले ही 22 ट्रेनें रद्द की गई है, लेकिन वर्तमान समय में SECR की 237 ट्रेन अभी भी चल रही है. जिन ट्रेनों को कैंसल किया गया है, उसके लिए वैकल्पिक ट्रेन परिचालन के निर्देश नहीं मिले हैं. यात्री ट्रेन और मालवाहक ट्रेनों के परिचालन में काफी अंतर है. इसमें यात्री ट्रेन अपने निर्धारित समय में और मालवाहक ट्रेन का कोई टाइम टेबल नहीं होता है. वे अपने पार्थ के हिसाब से चलती है, इसलिए मालवाहक गाड़ियों को ब्रेकडाउन नहीं किया गया है. इसके अलावा रही बात राजनीति और यात्रियों की मांग की तो SECR ज़ोन सेतु की भूमिका में कार्य कर रही है, रेलवे बोर्ड के निर्देश के अनुसार ट्रेन कैंसल और डेवलपमेंट कार्य करा रही है. वहीं जनभावनाओं से जुड़ी बातें और जनप्रतिनिधियों की मांग से रेलवे बोर्ड अवगत कराया जा रहा है