एजेंसी। छत्तीसगढ़ समेत तीन राज्यों ने हवाईअड्डों के निजीकरण पर राजस्व में हिस्सा मांगा है। छत्तीसगढ़ और झारखंड के साथ तमिलनाडु ने मांग किया है कि जब भी केंद्र सरकार किसी राज्य में किसी हवाईअड्डे का निजीकरण करे, तो राज्य सरकार को भी राजस्व में हिस्सा मिलना चाहिए।
यह है पूरा मामला
अप्रैल 2022 की शुरुआत में जारी एक नीति नोट में, तमिलनाडु ने कहा कि अगर राज्य सरकार केंद्र द्वारा संचालित भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) को मुफ्त में जमीन का आवंटन और हस्तांतरण करती है और अगर एएआई या केंद्र उस जमीन को तीसरे पक्ष को सौंपता है तो उससे अजिज़्त राजस्व को राज्य सरकार के साथ साझा किया जाना चाहिए।
एएआई के बोर्ड ने सितंबर 2021 में तमिलनाडु के त्रिची और छत्तीसगढ़ के रायपुर सहित 13 हवाईअड्डोंं के निजीकरण को मंजूरी दीछत्तीसगढ़ के मंत्री सिंहदेव ने क्या कहा
मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि भूमि राज्य का संसाधन है और जब राज्य और केंद्र एक परियोजना विकसित करने के लिए साथ काम करते हैं तो राज्य सरकार की उसमें अंशधारक के तौर पर पूंजी लगी होती है, क्योंकि भूमि राज्य सरकार की होती है।
जब तक यह सरकारी क्षेत्र में है तो भारत सरकार जो भी राजस्व कमा रही होगी और इसका अप्रत्यक्ष प्रभाव राज्य सरकार पर भी पड़ेगा और जनता को लाभ होगा, इसलिए वह ठीक है।
अब जब आप इसे किसी तीसरी संस्था को बेच रहे हैं जो एक निजी पक्ष है, तो आप कंपनी की संपत्ति बेच रहे हैं, जिसमें बुनियादी ढांचे के अलावा जमीन भी शामिल है। इसलिए राज्य सरकार को जमीन का मूल्य दिया जाए।
जब बिक्री की बात आती है तो बिक्री पूरी संपत्ति के मूल्यांकन के माध्यम से होगी, जिसमें भूमि का बिक्री मूल्य शामिल होगा तथा राज्य को उसका हिस्सा मिलना चाहिए।
जब आप एक संयुक्त उद्यम में होते हैं तो भारत सरकार बुनियादी ढांचे के मामले में पूंजी लगाती है और राज्य सरकार अपनी पूंजी के तौर पर भूमि देती है।
उन्होंने कहा कि जब ऐसे उद्यम को तीसरे पक्ष और वह भी निजी कंपनी को बेचा जाता है तो भूमि का मूल्य राज्य सरकार को दिया जाना चाहिए था