दुनिया की सबसे महंगी दवा बचा सकती है 8 हफ्ते के बच्चे की जिंदगी, पैरंट्स के लिए ₹17 करोड़ जुटाना है चुनौती

ब्रिटेन के एसेक्स में रहने वाली मेगन विलिस को जब पता चला कि उनके आठ हफ्ते के बेटे एडवर्ड को घातक बीमारी है, तो उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। एडवर्ड को स्पाइनल मस्क्युलर ऐट्रफी (SMA) नाम की जेनेटिक बीमारी है। तीन साल पहले तक इसका कोई इलाज नहीं था और ऐसे बच्चे दो साल से ज्यादा नहीं जी पाते थे। हालांकि, अब मेगन और उनके पार्टनर जॉन को कुछ राहत मिली है क्योंकि एडवर्ड का इलाज हो सकेगा।

Most Expensive Drug Zolgensma: Spinal Muscular Atrophy यानी SMA नाम की बीमारी में मांसपेंशियां खत्म होने लगती हैं।

दुनिया की सबसे महंगी दवा बचा सकती है 8 हफ्ते के बच्चे की जिंदगी, पैरंट्स के लिए ₹17 करोड़ जुटाना है चुनौती

ब्रिटेन के एसेक्स में रहने वाली मेगन विलिस को जब पता चला कि उनके आठ हफ्ते के बेटे एडवर्ड को घातक बीमारी है, तो उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। एडवर्ड को स्पाइनल मस्क्युलर ऐट्रफी (SMA) नाम की जेनेटिक बीमारी है। तीन साल पहले तक इसका कोई इलाज नहीं था और ऐसे बच्चे दो साल से ज्यादा नहीं जी पाते थे। हालांकि, अब मेगन और उनके पार्टनर जॉन को कुछ राहत मिली है क्योंकि एडवर्ड का इलाज हो सकेगा।

क्या होती है SMA?
क्या होती है SMA?

SMA ऐसी बीमारी है जिसके टाइप-1 में मांसपेशियां खत्म होती रहती हैं। इसमें शरीर में SMN नाम का प्रोटीन बनना बंद हो जाता है जो मांसपेशियों के विकास और मूवमेंट के लिए जरूरी होता है। समय के साथ सीने की मांसपेशियां खत्म होने लगती हैं जिससे सांस लेने में तकलीफ बढ़ जाती है और बच्चे का दो साल से ज्यादा जीना मुश्किल हो जाता है।

कैसे करता है इलाज?
कैसे करता है इलाज?

अब तक लाइलाज मानी जा रही बीमारी को रोक सकता है £17 करोड़ यानी करीब 16.9 करोड़ रुपये का Zolgensma का इंजेक्शन। माना जाता है कि यह दुनिया की सबसे महंगी दवा है। Zolgensma उस जीन की जगह लेता है जो SMN प्रोटीन बनाता है। एक वायरस का DNA निकालने के बाद उसमें सही जीन लगाया जाता है और फिर इसे बच्चे को इंजेक्ट किया जाता है।

पैरंट्स के सामने चुनौती
पैरंट्स के सामने चुनौती

हालांकि, एडवर्ड के पैरंट्स के सामने चुनौती अभी बरकरार है। दरअसल, ब्रिटेन में Zolgensma अभी उपलब्ध नहीं है और इसे आने में मार्च तक का समय लग सकता है। इसलिए, मेगन और जॉन को अब एडवर्ड को विदेश ले जाना होगा जिसके लिए उन्होंने पैसे जुटाने शुरू कर दिए हैं। उन्हें क्राउड-फंडिंग की मदद से 1.2 लाख पाउंड मिल चुके हैं और बाकी रकम जुटाई जा रही है।

तीन साल पहले मिला इलाज
तीन साल पहले मिला इलाज

करीब तीन साल पहले 2017 में न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपी स्टडी में पाया गया था कि जिन 15 बच्चों को यह इंजेक्शन दिया गया, वे सभी 20 महीने तक जीवित रह सके जबकि इससे पहले की रिसर्च में सिर्फ 8 प्रतिशत बच्चे जीवित बच सके थे जिनक कोई इलाज नहीं किया गया था। 15 में से 12 बच्चों को ज्यादा खुराक दी गई थी और 20 महीने की उम्र में 11 बच्चे बिना किसी की मदद के बैठ सकते थे और दो बच्चे चल भी सकते थे।

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