हालांकि, देश में ही विकसित की जा रही वैक्सीन के अभी पूरी तरह से आने में थोड़ा वक्त लगता दिख रहा है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट ने सभी देसी वैक्सीन की मौजूदा स्थिति का विश्लेषण किया है। आइए जानते हैं देश में बन रही वैक्सीन अभी किस-किस चरण में है।
जानलेवा कोरोना वायरस (Coronavirus in India) से निपटने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर जैसे देशों में फाइजर की वैक्सीन (Pfizer Corona Vaccine) के इमर्जेंसी इस्तेमाल शुरू हो चुकी है। इधर, भारत में भी इस वायरस से निपटने के लिए वैक्सीनेशन की तैयारियां जोरो पर है। सरकार वैक्सीन को लेकर गाइडलाइंस भी जारी कर चुकी है (Corona Vaccine Guidelines in India)।
हालांकि, देश में ही विकसित की जा रही वैक्सीन के अभी पूरी तरह से आने में थोड़ा वक्त लगता दिख रहा है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट ने सभी देसी वैक्सीन की मौजूदा स्थिति का विश्लेषण किया है। आइए जानते हैं देश में बन रही वैक्सीन अभी किस-किस चरण में है।
कोविशील्ड वैक्सीन की जान लें स्थिति
अभी इस वैक्सीन का दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल जारी है। ट्रायल के दौरान तंदरुस्त व्यस्क पर भी इसका ट्रायल किया गया है। ट्रायल का डेटा का कोविशील्ड वैक्सीन की सेफ्टी और ऑक्सफर्ड वैक्सीन के साथ किया जाएगा। बता दें कि कोविशील्ड वैक्सीन का ट्रायल 29 जुलाई 2020 को शुरू हुआ था और इसमें 1,600 लोगों ने हिस्सा लिया ता। 7 महीने में इसका ट्रायल पूरा होने की उम्मीद।
भारत बायोटेक की वैक्सीन का क्या हाल?
भारत बायोटेक की वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है। इस चरण में वैक्सीन कितना असरदार है, इसका परीक्षण किया जा रहा है। 11 नवंबर 2020 को इसके लिए पहला इनरोलमेंट (Enrollment) हुआ था। 1 साल के भीतर ट्रायल पूरी होने की उम्मीद। कुल 25,800 लोग ट्रायल में ले रहे हैं भाग।
Zydus Cadila की क्या स्थिति
Zydus Cadila वैक्सीन का पहले और दूसरे चरण का ट्रायल जारी है। पहले चरण में वैक्सीन की सेफ्टी की जांच की जा रही है। दूसरे चरण में इस वैक्सीन की इम्युनिटी की परीक्षा होगी। 13 जुलाई 2020 को इस वैक्सीन के लिए पहला इनरोलमेंट हुआ था। एक साल के भीतर इसका ट्रायल हो सकता है पूरा। 1,048 लोगों ने इस ट्रायल में लिया है हिस्सा।
डॉ रेड्डीज-Sputnik V का जान लें हाल
रूस की Sputnik V वैक्सीन का भारत में दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल जारी है। दूसरे चरण में इस वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभाव का अध्ययन किया जा रहा है। तीसरे चरण में इसके असर का आकलन होगा। इस वैक्सीन के ट्रायल के लिए 1 दिसंबर को इनरोलमेंट हुआ था। 7 महीने के भीतर ट्रायल पूरा होने की उम्मीद। 1,600 लोग ले रहे हैं ट्रायल में हिस्सा।
बायोलॉजिकल ई नोवेल कोविड-19 वैक्सीन
बायोलॉजिकल ई नोवेल वैक्सीन का पहले और दूसरे दौर का ट्रायल चल रहा है। 16 नवंबर को इसके लिए इनरोलमेंट हुआ था। कुल 360 लोग इस वैक्सीन के ट्रायल में हिस्सा ले रहे हैं। एक साल में ट्रायल पूरा होने की उम्मीद।