त्योहारी सीजन के बाद ठंड बढ़ने के साथ ही उपभोक्ताओं का उत्साह भी ठंडा हो गया है। अहम सूचकांकों (Key indicators) से तो यही लगता है। दिसंबर के पहले पखवाड़े में क्रेडिट ग्रोथ, बिजनस वॉल्यूम्स, डिजिटल ट्राजैक्शंस और क्रेडिट कार्ड खर्च की रफ्तार में कमी आई है। ईटी ने इस बारे में जिन बैंकों और पेमेंट कंपनियों से बात की, उनका कहना है कि आने वाले महीनों में कंज्यूमर एक्टिविटीज के कमजोर रहने की संभावना है और वे इस स्थिति के लिए तैयार हैं। उनका कहना है कि कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता और वितरण के बारे में चीजों के स्पष्ट होने के बाद ही इसमें तेजी आने की उम्मीद है।
एक्सिस बैंक में पेमेंट्स और कार्ड्स के प्रमुख संजीव मोघे ने कहा कि हम दिसंबर के अक्टूबर और नवंबर से बेहतर रहने की उम्मीद नहीं कर रहे थे। दिसंबर में मामला सपाट रहेगा। अब हम यह बिजनस ग्रोथ के हिसाब से मार्च में हम कहां होंगे। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंकों में शामिल एक बैंक के अधिकारी ने कहा कि दिवाली के बाद से ही मांग घट रही है। अधिकारी ने कहा कि दिसंबर के पहले दो हफ्ते में मांग कम रही है और आगे भी इसमें सुधार की उम्मीद नहीं है।
में भी सुस्तीफिनो पेमेंट्स बैंक के एमडी ऋषि गुप्ता ने कहा, ‘पहले हम हर महीने 10-12 फीसदी की ग्रोथ देख रहे थे। नवंबर के अंतिम हफ्ते से मांग कम हो गई है और अब ग्रोथ 5 फीसदी रह गई है।’ पीओएस टर्मिनल पर कार्ड से खर्च के बारे में आरबीआई का डेटा भी यही तस्वीर बयां करता है। दिसंबर के पहले 14 दिनों में 6.8 करोड़ क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन हुए। इसमें 20911 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ। नवंबर में इस अवधि के दौरान 23752 करोड़ रुपये के 7.4 करोड़ लेनदेन हुए थे।
इमीडिएट पेमेंट्स सर्विस (IMPS) और एटीएम निकासी के बारे में आरबीआई के डेली डेटा के मुताबिक जून का बाद पहली बार दिसंबर के पहले पखवाड़े में इनमें कमी आई है। वॉल्यूम के हिसाब से भी इनमें मासिक आधार पर क्रमशः 1 फीसदी और 4 फीसदी की कमी आई है। एनपीसीआई द्वारा ऑपरेटेड सभी प्रमुख रीटेल पेमेंट चैनल्स के ट्रांजैक्शन में नवंबर की तुलना में दिसंबर में कमी आई है।