दुर्ग के सराफा व्यापारी को डायरेक्टर रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने रात भर बैठाया, सुबह कारोबारियों ने घेरा दफ्तर

रायपुर। शुक्रवार की सुबह रायपुर के सराफा कारोबारियों ने डायरेक्टर रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) का दफ्तर घेर लिया। दरअसल सारा विवाद दुर्ग के कारोबारी को हिरासत में लेने के बाद शुरू हुआ। गुरुवार की दोपहर दुर्ग के सहेली ज्वेलर्स के संचालक राजेंद्र जैन को डीआरआई की टीम ने पूछताछ के लिए बुलाया था। शुक्रवार सुबह तक पूछताछ ना होने की वजह से विवाद के हालात बने। सराफा कारोबारियों ने अधिकारियों पर आरोप लगाया कि अधिकारी जानबूझकर कारोबारी को हिरासत में लिए हुए है, नियमतः कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। ना ही परिजनों से कारोबारी राजेंद्र जैन को मिलने दिया जा रहा है।

रायपुर के सदर बाजार इलाके के अलग-अलग कारोबारी डीआरआई के दफ्तर पहुंचे और सुबह अधिकारियों से बहस बाजी भी हुई । छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन से जुड़े पदाधिकारी हरक मालू ने बताया कि अधिकारी नियमों के मुताबिक कार्रवाई करें हमने इस बात की अपील की है । कारोबारी को बेवजह परेशान नहीं किया जाना चाहिए । हम पूछताछ की कार्रवाई का विरोध नहीं कर रहे। मगर लगभग पूरी रात कारोबारी को डीआरआई दफ्तर में जबरन बिठा कर रखा गया परिजनों से मिलने नहीं दिया गया हमने इस बात पर आपत्ति जताई है। मामले को तूल पकड़ता देख डीआरआई के अधिकारियों ने शुक्रवार शाम तक राजेंद्र जैन को पूछताछ के बाद घर भेज देने का दावा किया तो माहौल शांत हुआ।

पिछले साल दिसंबर में पढ़ा था छापा

दिसंबर 2021 में डायरेक्टर रेवेन्यू इंटेलिजेंस की 60 सदस्यीय टीम ने सहेली ज्वेलर्स के 5 ठिकानों पर छापा मारा था। इनमें दुर्ग और भिलाई में दुकान, मकान और कारखाने में एक साथ कार्रवाई की गई। टीम के सदस्यों ने सहेली ज्वेलर्स के संचालक सुनील जैन और राजेंद्र जैन के परिवार को नजर बंद कर दिया। उनसे उनके मोबाइल फोन ले लिए गए और घर के अंदर से किसी को भी बाहर नहीं जाने दिया गया। टीम के सभी सदस्यों ने वहां दस्तावेज खंगाले और कई अहम दस्तावेज जब्त किए। तब दुर्ग से लौटते वक्त डीआरआई की टीम पर सराफा कारोबारियों ने हमला भी कर दिया था। तब बड़ी तादाद में सोने चांदी के जेवर जब्त किए गए थे। इसी सिलसिले में पूछताछ के लिए दुर्ग के कारोबारी को बुलाया गया था।

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