भारत और ऑस्ट्रेलिया कोविड के बाद पहली बार टेस्ट सीरीज खेल रहे हैं। पहला टेस्ट ऐडिलेड में खेला जा रहा है। 2018 की सीरीज में भी पहला मैच भी इसी मैदान पर खेला गया था। भारत ने वह सीरीज 2-1 से जीती थी। तब इतिहास रचा गया था और आज से फिर नई कहानी रची जा रही है। यह टेस्ट मैच दूधिया रोशनी में खेला जाएगा। भारतीय टीम विदेशी धरती पर पहली बार गुलाबी गेंद से टेस्ट मैच खेलेगी। अभी तक कुल 14 डे-नाइट टेस्ट मैच खेले गए हैं और एक भी ड्रॉ नहीं रहा है।
ऑस्ट्रेलिया का रेकॉर्ड शानदार
भारत ने अपना इकलौता डे-नाइट टेस्ट मैच पिछले साल नवंबर में बांग्लादेश के खिलाफ खेला था। इस मैच में उसने आसानी से जीत हासिल की थी। वहीं ऑस्ट्रेलिया की बात करें तो उसने सात डे-नाइट टेस्ट मैच खेले हैं और सभी में जीत हासिल की है। भारतीय टीम के लिए यह रेकॉर्ड अच्छा नहीं कहा जा सकता। संयोग की बात यह है कि ऑस्ट्रेलिया ने ये सातों मैच अपनी धरती पर खेले हैं।
ऑस्ट्रेलिया में मुकाबला अलग
ऑस्ट्रेलिया में पिंक बॉल टेस्ट थोड़ा अलग होता है। पिंक बॉल से रन बनाना लाल गेंद के मुकाबले थोड़ा मुश्किल होता है। गुलाबी गेंद के मुकाबलों में कम रन बनते हैं। क्रिकविज ने इससे जुड़े कुछ आंकड़े पेश किए हैं। खास तौर पर ऑस्ट्रेलिया में हुए डे-नाइट टेस्ट मैचों पर। एक आंकड़ा यह है कि ईवनिंग सेशन में बैटिंग ऐवरेज किसी अन्य सेशन के मुकाबले ज्यादा होती है। लेकिन नाइट सेशन में यह सबसे कम हो जाती है।
तेज गेंदबाजों का होता है जलवा
इसके अलावा आखिरी सेशन में तेज गेंदबाजों के लिए काफी मददगार होता है। आखिरी सेशन में वे सिर्फ 22 रन प्रति विकेट के हिसाब से गेंदबाजी करते हैं।