डंका न्यूज़ डेस्क
रायपुर। प्रदेश में शुक्रवार देर रात से प्रारंभ हुई बारिश अनवरत जारी है। रायपुर सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में जमकर पानी बरसा है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में भारी बरसात की चेतावनी जारी की है।
रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी अनुसार चक्रीय चक्रवाती घेरा अन्दरूनी ओडिशा के ऊपर और ज्यादा प्रबल हो गया है। इसके कारण प्रदेश में सरगुजा संभाग को छोडकर शेष संभागों के जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश और एक दो स्थानों पर अति भारी बारिश होने की प्रबल संभावना है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और नगरीय निकायों को सतर्क रहने के दिए निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में जलभराव और बाढ़ जैसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन संबंधी सभी उपाय सुनिश्चित करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा मोचन बल सहित प्रभावित जिलों के जिला पुलिस बल, होमगार्ड, राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, विद्युत विभाग, लोक निर्माण, खाद्य विभाग, नगरीय निकायों आदि के अधिकारियों को भी सचेत एवं सतर्क रहने को कहा है।
मौसम विभाग की शनिवार दोपहर जारी आरेंट अलर्ट के मुताबिक अगले 24 घंटे में राजनांदगांव, बालोद, कांकेर, नारायणपुर और बीजापुर जिलों में एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ भारी से अति भारी बरसात की संभावना है। इन स्थानों पर आकाशीय बिजली भी गिर सकती है। विभाग ने 13 जिलों के लिए येलो अलर्ट भी जारी किया है। इसके मुताबिक कबीरधाम, बेमेतरा, बलौदाबाजार, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, महासमुंद, रायपुर, दुर्ग, धमतरी, गरियाबंद, कोण्डागांव, बस्तर, दंतवाड़ा और सुकमा जिलों में एक-दो स्थानों पर भारी बरसात और वज्रपात की संभावना है। मौसम विभाग ने प्रशासन से इन जिलों में सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
मुख्यमंत्री ने निचले और संभावित बाढ़ प्रभावित इलाकों में आपदा प्रबंधन दल को मुस्तैद रखने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि आवश्यकता पड़ने पर प्रभावितों को तत्काल आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि नदी-नालों के जल स्तर पर लगातार निगरानी रखी जाए। इसकी जानकारी नियमित रूप से कंट्रोल रूम में दी जाए। जहां भी जलभराव और बाढ़ की स्थिति निर्मित हो सकती है वहां पूर्व से ही सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाए। मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों से कहा है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नजदीक के भवनों में अस्थाई राहत शिविर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।