मेरठ में बनेगी कूड़े से बिजली, देश के पहले गैसिफिकेशन प्लांट का ट्रायल शुरू

निखिल शर्मा, मेरठ
यूपी में मेरठ की क्रांति धरा से एक और ऐतिहासिक शुरुआत हुई है। यहां देश का पहला ऐसा प्लांट स्थापित किया गया है, जिसमें गैसिफिकेशन तकनीक से कूड़े से बिजली बनाई जाएगी। गुरुवार को प्लांट का ट्रायल किया गया। नगर निगम के अधिकारियों का दावा है कि इस प्लांट के संचालन से जहां जिले की जनता को कूड़े से निजात मिलेगी। वहीं, नगर निगम की आमदनी में बढ़ोत्‍तरी के साथ मेरठवासियों की बिजली की समस्या का भी समाधान होगा। बताते चलें कि परतापुर के भूड़बराल गांव में बिजेंद्र एनर्जी एंड रिसर्च सेंटर की तरफ से इस प्लांट का संचालन किया जा रहा है। इस प्लांट में गैसिफिकेशन टेक्‍नॉलजी से कूड़े से बिजली बनाई जाएगी।

दरअसल, इस प्लांट में ‘आरडीएफ’ यानी गीले कूड़े, कागज, गत्ते और प्लास्टिक के टुकड़ों से बिजली का उत्पादन होगा। यह ‘आरडीएफ’ प्लांट का संचालन करने वाली बिजेंद्र एनर्जी एंड रिसर्च सेंटर कंपनी मेरठ नगर निगम से खरीदेगा। जिसके लिए कंपनी का 250 रुपये प्रति टन के हिसाब से हर रोज 30 टन ‘आरडीएफ’ खरीदने का अनुबंध नगर निगम से हुआ है। कंपनी के अधिकारियों ने पावर कॉरपोरेशन से भी परचेज एग्रीमेंट कर लिया है। इसके तहत पावर कॉरपोरेशन कंपनी के अधिकारियों से आठ रुपये 25 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीदेगा। कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक, प्लांट में लगभग रोजाना लगभग 24 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। इसी के साथ प्लांट को ग्रिड से भी जोड़ दिया गया है।

बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने बटन दबा शुरू किया ट्रायल
गुरुवार को बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ लक्ष्मीकांत वाजपेई ने बटन दबाकर इस प्लांट के ट्रायल का शुभारंभ किया। इस दौरान उनके साथ बिजेंद्र एनर्जी एंड रिसर्च कंपनी के प्रोपराइटर बिजेंद्र सिंह, सहायक नगर आयुक्त बृजपाल सिंह, बिजली विभाग के एक्सईएन रामबाबू आदि मौजूद रहे। बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और नगर निगम के अधिकारियों ने दावा किया कि इस प्लांट के शुरू होने से जहां जिले के लोगों को कूड़े और प्रदूषण से निजात मिलेगी। वहीं, बिजली की समस्या का समाधान भी होगा। उन्होंने बताया कि एक सप्ताह का ट्रायल पूरा होने के बाद इस प्लांट का विधिवत उद्घाटन किया जाएगा।

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