गाेरखपुर: एनसीईआरटी की किताब में बच्‍चे पढ़ रहे गलत महाभारत! गीता प्रेस ने जताई आपत्ति

गोरखपुर
गोरखपुर के केंद्रीय विद्यालय में कक्षा 7 के बच्चों को हिंदू धर्मग्रंथ महाभारत के बारे में गलत जानकारी देने का मामला सामने आया है। एनसीईआरटी की इस पुस्तक में संकलित गलत तथ्यों से शिक्षक भी अनभिज्ञ हैं। इस किताब में लिखा है कि जरासंध ने श्रीकृष्ण को युद्ध में हरा दिया था, इसलिए वह द्वारिका चले गए थे। गीता प्रेस के प्रबंधक लालमणि तिवारी ने इस तथ्य को गलत करार दिया है।

जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय विद्यालय में कक्षा 7 के बच्चों को हिंदी के पूरक पाठ्यपुस्तक के रूप में ‘बाल महाभारत कथा’ नामक पुस्तक पढ़ाई जा रही है। यह पुस्तक चक्रवर्ती राजगोपालचारी के महाभारत कथा का संक्षिप्त रूप है। दरअसल विवादित तथ्‍य श्रीकृष्ण और युधिष्ठिर के संवाद के रूप में उल्लेखित है। इसमें श्रीकृष्ण के बारे में युधिष्ठिर से चर्चा करते हुए कह रहे हैं कि इस यज्ञ में सबसे बड़ा बाधक मगध देश का राजा जरासंध है। जरासंध को हराए बिना यह यज्ञ कर पाना संभव नहीं है। हम तीन बरस तक उसकी सेनाओं से लड़ते रहे और हार गए। हमें मथुरा छोड़ दूर पश्चिम द्वारका में दुर्ग और नगर बनाकर रहना पड़ा।

गीता प्रेस के प्रबंधक ने तथ्‍यों को बताया भ्रामक
धार्मिक विद्वानों ने NCERT(राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) के बाल महाभारत कथा के इस पुस्तक में बताए गए तथ्यों को गलत ठहराया है। विद्वानों का कहना है कि महाभारत में कहीं भी जरासंध द्वारा कृष्ण को हराने की बात नहीं कही गई है। श्रीमद्भागवत गीता की छपाई के लिए मशहूर गीता प्रेस के प्रबंधक लालमणि तिवारी ने बताया कि मूल महाभारत में कहीं भी भगवान श्रीकृष्ण के जरासंध से हारने का उल्लेख नहीं है। इस बात का उल्लेख है कि मथुरा की शांति के लिए भगवान श्रीकृष्ण जरासंध से पीड़ित होकर द्वारिका आ गए थे।

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