सामाजिक बहिस्कार के मामले में हाईकोर्ट ने दिया प्रदेश के मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी समेंत 6 जिलों के कलेक्टर, एसपी को नोटिस

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस की युगल पीठ ने सामाजिक बहिष्कार के मामले में प्रदेश के मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी, लीगल सर्विस अथॉरिटी, 6 जिलों के कलेक्टर, एसपी और संबंधित थानों को नोटिस जारी कर 10 सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए कहा है। इस मामले में गुरू घासीदास सेवादार संघ और कानूनी मार्गदर्शन केंद्र ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है।
एडवोकेट रजनी सोरेन ने बताया कि सामाजिक, आर्थिक बहिष्कार से संबंधित प्रदेश के 6 जिलों के 15 मामलों को सामने रखकर दो याचिकाकर्ता, गुरू घासीदास सेवादार संघ और कानूनी मार्गदर्शन केंद्र ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में विशेषकर ग्रामीण इलाकों में सामाजिक प्रताड़ना और आर्थिक बहिष्कार के अनेक मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं। अंतरजातीय विवाह, धार्मिक स्वतंत्रता, व्यक्तिगत झगड़ों आदि के नाम से सामाजिक, आर्थिक बहिष्कार कर पीड़ित पक्ष का रोजी-रोजगार और हुक्का-पानी बंद कर दिया जाता है। शासन-प्रशासन और पुलिस इन मामलों में कोई उचित कार्यवाही नहीं कर रही हैं। जिसकी वजह से पीड़ित पक्ष के लोग बहिष्कृत हैं।
हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि इन मामलों में राज्य शासन दोषियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करते हुए स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
याचिका में हाईकोर्ट से निवेदन किया गया है कि छत्तीसगढ़ में सामाजिक बहिष्कार की प्रथा के लिए कोई विशेष कानूनी प्रावधान नहीं है अतः हाईकोर्ट इसमें गाइड-लाइन बनाकर इसकी रोकथाम के लिए कानूनी कार्रवाई और पीड़ितों के रोजगार और पुनर्वास आदि को सुनिश्चित करे।
हाईकोर्ट से यह भी निवेदन किया गया कि वे राज्य सरकार को एक कमेटी का गठन करने के लिए निर्देशित करें जो महाराष्ट्र राज्य की तरह सामाजिक बहिष्कार के मामलों में विशेष कानून बनाने के लिए उचित जांच-पड़ताल करे। उसीप्रकार, लीगल सर्विस अथॉरिटी को मौजूदा कानूनों के तहत सामाजिक बहिष्कार की रोकथाम के लिए प्रचार-प्रसार करना चाहिए तथा पुलिस और न्यायपालिका की ट्रेनिंग में भी इसे शामिल किया जाना चाहिए।
हाईकोर्ट में बुधवार को चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस दीपक कुमार तिवारी की युगल पीठ के समक्ष मामले की प्रारंभिक सुनवाई हुई। मामले को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी, लीगल सर्विस अथॉरिटी, 6 जिलों के कलेक्टर, एसपी और संबंधित थानों को नोटिस जारी कर 10 सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सामाजिक, आर्थिक बहिष्कार के मामले में रायपुर, जांजगीर-चांपा, कांकेर, बलौदा बाजार , रायगढ़ और धमतरी जिला के कलेक्टर और एसपी को नोटिस जारी किया है।

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