लालू को धूप की जरुरत- RJD नेताआरजेडी नेताओं ने बताया कि केली बंगले से पेइंग वार्ड शिफ्ट होने के बाद लालू प्रसाद को धूप नहीं मिल पा रही थी, जिसके कारण उनकी तबीयत थोड़ी खराब हो गयी। बताया गया है कि तबीयत खराब होने के बाद लालू प्रसाद ठीक से खाना भी नहीं खा रहे हैं, ऐसे में डॉक्टरों ने उन्हें धूप में बैठने और टहलने की सलाह दी। डॉक्टरों ने कहा कि धूप सेंकने के बाद उनकी तबीयत में सुधार आएगा।
ऑडियो वायरल होते ही बदला लालू का ठिकानागौरतलब है कि लालू प्रसाद यादव को कोरोना संक्रमण के पहले भी पेइंग वार्ड में ही रखा गया था, उस दौरान भी जिस तल्ले पर लालू प्रसाद रहते थे, उसे पूरी तरह से खाली करा दिया गया था और उनके पेइंग वार्ड के अगल-बगल के कमरे में सेवादार और सुरक्षाकर्मियों को रहने की अनुमति दी गयी थी। उनकी सुरक्षा में अभी तीन दर्जन से ज्यादा सुरक्षा कर्मी तैनात है, इस कारण उस तल्ले पर स्थित पेइंग वार्ड में रहने वाले अन्य मरीजों को भी दूसरे तल्ले में शिफ्ट कर दिये जाने की तैयारी है। पिछली बार कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए और पेइंग वार्ड को कोविड-19 वार्ड में बदलने की योजना के कारण लालू प्रसाद करे पेइंग वार्ड से केली बंगले में शिफ्ट किया गया था। लेकिन केली बंगले में जेल मैनुअल का उल्लंघन करने को लेकर कथित ऑडियो वायरल होने और स्थायी निदेशक के रूप में डॉ. के. प्रसाद के पदभार ग्रहण करने के कारण लालू प्रसाद को फिर से पेइंग वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है।
लालू की ‘कॉल वायरल’ होने के बाद सुरक्षा कड़ीऑडियो वायरल होने और जेल प्रशासन की रिपोर्ट के बीच ही लालू प्रसाद को केली बंगले से एक बार फिर से रिम्स के पेइंग वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। पेइंग वार्ड -11 के ईद-गिर्द त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था यानि थ्री लेयर सिक्योरिटी का जाल बुन दिया गया है। पहली सुरक्षा पेइंग वार्ड के मेन गेट पर की गई है, जबकि दूसरी सुरक्षा वार्ड के अंदर और तीसरी सुरक्षा व्यवस्था कमरे के बाहर की गई है। वहीं लालू प्रसाद अगर टहलने के लिए कमरे से बाहर निकलेंगे तो उस वक्त भी सुरक्षाकर्मी मौजूद रहेंगे।
लालू प्रसाद की सुरक्षा की जिम्मेवारी डीएसपी स्तर के अधिकारी को दी गई है, जबकि समय-समय पर एसएसपी और सिटी एसपी भी सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेंगे। आरजेडी सुप्रीमो की सुरक्षा में तीन दर्जन से अधिक पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। जेल मैनुअल के तहत लालू प्रसाद से रिम्स के चिकित्सकों को छोड़ कर किसी अन्य को मिलने की अनुमति नहीं है, हालांकि सप्ताह में एक दिन शनिवार को तीन लोगों को लालू प्रसाद से मिलने की अनुमति दी सकती है। लेकिन पेइंग वार्ड नंबर-11 के ईद-गिर्द अभी सुरक्षा कर्मी को भी फटकने तक नहीं दे रहे हैं।
जेल अधीक्षक की रिपोर्ट-सूत्रजेल अधीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि लालू प्रसाद यादव की सुरक्षा के लिए तैनात सुरक्षाकर्मियों को किसी मुलाकाती की सघन जांच करने के बाद मिलने की अनुमति देनी चाहिए। वहीं पुलिस को लालू यादव के सेवादारों की भी जांच पड़ताल करनी चाहिये थी। लेकिन पुलिसकर्मियों ने जांच में लापरवाही बरती और सुरक्षा के प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया।
रांची पुलिस पर ही आरोप!रांची के बिरसा मुंडा जेल के अधीक्षक की रिपोर्ट में एक तरह से रांची पुलिस कठघरे में खड़ा कर दिया गया है। हालांकि रांची पुलिस जेल अधीक्षक की रिपोर्ट को सही मानने को तैयार नहीं है। रांची पुलिस के एक अफसर के मुताबिक लालू प्रसाद यादव को जिस केली बंगले में रखा गया था, रांची पुलिस के जवान उस बंगले के बाहर तैनात किये गए थे। पुलिस जवान इस पर कैसे नजर रख सकते थे कि बंगले के अंदर क्या हो रहा था। लालू को सेवादार तो जेल प्रशासन ने दिलवाए थे। ये जेल प्रशासन का काम था कि वो देखे कि सेवादार क्या कर रहे हैं। रांची पुलिस के ही एक और अफसर ने बताया कि जेल प्रशासन ही ये तय करता था कि लालू यादव से कौन मिलेगा। अगर मुलाकातियों में से किसी ने जेल मैनुअल का पालन नहीं किया तो ये देखना जेल प्रशासन का काम था।
वहीं रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने इस मामले पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया है। एसएसपी ने कहा कि उन्होंने अब तक रिपोर्ट नही देखी है, ऐसे में वो इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते हैं। सुरेंद्र कुमार झा ने कहा कि मामले की पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
लेकिन जांच रिपोर्ट में मोबाइल से बात करने की स्पष्ट नहींइस बीच सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जेल प्रशासन की ओर से रांची के उपायुक्त को मामले की जांच रिपोर्ट सौंप दी गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सुरक्षा में तैनात जवानों की लापरवाही से ही संभवतः मोबाइल लालू प्रसाद यादव तक पहुंचा हो और उन्होंने बात की हो। हालांकि इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है। जांच रिपोर्ट में मोबाइल पर बातचीत करने की बात स्पष्ट तौर पर नहीं कही गई है।
बिहार विधानसभा स्पीकर चुनाव के दिन वायरल हुई थी फोन कॉलबिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष के चुनाव से एक दिन पहले 24 नवंबर को बिहार के पूर्व डेप्युटी सीएम सुशील कुमार मोदी ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर राज्य में एनडीए सरकार गिराने की साजिश का आरोप लगाया था। उन्होंने ने ट्वीट कर कहा कि लालू एनडीए विधायकों को फोन कर उन्हें मंत्री पद का प्रलोभन दे रहे हैं। सुशील मोदी के इस आरोप के बाद 25 नवंबर को ही एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। दावा है कि ये ऑडियों एक फोन कॉल का है जिसमें लालू यादव की आवाज है। दावे के मुताबिक, ये फोन कॉल रांची से लालू ने पीरपैंती से बीजेपी विधायक ललन पासवान को किया था। लालू ने विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में पासवान से गैर हाजिर रहने को कहा। सुनिए पूरी बातचीत। हालांकि NBT इस ऑडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता।