हसदेव जंगल में पेड़ों की कटाई शुरू, एक हजार से ज्यादा जवान तैनात, डेढ़ दर्जन लोगों को पुलिस ने घरों से उठाया

रायपुर। उत्तरी छत्तीसगढ़ के हसदेव क्षेत्र में कोल ब्लॉक के लिए मंगलवार सुबह एक हजार से अधिक पुलिस बल की तैनाती कर प्रशासन और वन विभाग के अमले ने पेड़ों की कटाई शुरू करा दी है। पेड़ों की कटाई और कोयला खदान खोलने का विरोध ग्रामीण वर्षों से कर रहे हैं। एक साल से अधिक समय से ग्रामीणों धरने पर बैठे हैं। राजनैतिक बयानबाजी के बीच मंगलवार तड़के पेड़ों की कटाई का विरोध करने वाले ग्रामीणों के नेतृत्वकर्ताओं को पुलिस ने घरों से उठा लिया। 4 गांवों को घेरकर जंगल में कड़ी सुरक्षा के बीच घाटबर्रा क्षेत्र में पेड़ों की कटाई शुरू कराई गई है। मौके पर विरोध करने वाले ग्रामीण भी नहीं पहुंच पा रहे हैं। पुलिस ने आसपास के इलाके को छावनी बना दिया है। पेड़ कटाई को लेकर तनाव की स्थिति बन गई है।

बता दें कि राजस्थान विद्युत निगम लिमिटेड को आवंटित परसा-केते कोल ब्लॉक के दूसरे चरण में परसा ईस्ट केते बासेन एक्सटेंशन खदान के लिए स्वीकृति वर्ष 2012-13 में दी गई थी। वर्ष 2019 में फारेस्ट क्लीयरेंस दिया गया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के रायपुर आने के बाद भूपेश सरकार ने इस खदान के लिए एनओसी दे दी है। परसा ईस्ट केते बासेन परियोजना में कुल चार गांवों परसा, हरिहरपुर, घाटबर्रा एवं फतेहपुर की निजी और राजस्व की जमीनों के साथ ही वनभूमि को मिलकार 2711 हेक्टेयर भूमि पर शामिल है। खदान के विस्तार से घाटबर्रा गांव को पूरी तरह से विस्थापित किया जाएगा।

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