साल 2020 की आखिरी क्रिसमस से पहले होने वाली है। को एक्सपर्ट्स के साथ-साथ आम ऐस्ट्रोनॉमर्स भी आसानी से देख सकेंगे। एक घंटे में 10 टूटते तारे तक देखे जा सकते हैं। क्रिसमस से पहले दिखने वाले आसमानी नजारों में से एक ये बारिश होगी जबकि 21 दिसंबर को बृहस्पति और शनि का ग्रेट कंजक्शन भी होने वाला है।
Ursids दरअसल Comet 8P/Tuttle से बनते हैं। ये Little Dipper तारामंडल के Ursa Major या Little Bear हिस्से से पैदा होते हैं। माना जा रहा है कि ये भले ही Geminid उल्कापिंडों की बारिश जितनी यादगार नहीं होगी, इनके दिखने का वक्त रात का होगा। इसलिए इन्हें देखना आसान हो सकता है।
स्पेस वेदर ने इस बारे में जानकारी दी है, ‘ये ज्यादा भारी बारिश नहीं लेकिन खूबसूरत होगी क्योंकि ये उत्तरी विंटर सॉल्सटिस के पास अंधेरे में होगी।’ हालांकि, कभी-कभी बहुत शानदार भी दिखते हैं जब एक घंटे में 100 से ज्यादा टूटते सितारे देखे जा सकते हैं।
भारत में कब दिखेगा?
ये टूटते तारे Big Dipper के बायीं ओर से दिखेंगे। हर साल Ursid 17 दिसंबर से शुरू होकर 26 दिसंबर तक दिखते हैं। ये अपने सबसे चरम पर मंगलवार को तड़के होंगे। भारत में ये तड़के अंधेरे में देखे जा सकेंगे जब सूरज न निकला हो। 21 दिसंबर को ही दिसंबर सॉल्सटिस भी होगा, उत्तरी गोलार्ध में यह विंटर सॉल्सटिस होगा और दक्षिणी गोलार्ध में समर सॉल्सटिस।