बिलासपुर। मर्च्युरी से शव गायब होने के मामले में हाईकोर्ट ने पूर्व विधायक भोजराम नाग को नोटिस जारी किया है। ईसाई धर्म अपना चुके एक आदिवासी के शव को कब्र से निकालकर हॉस्पिटल के मार्चयुरी में रखा गया लेकिन अब वहां से भी शव गायब हो गया है। अब परिजन शव मांग रहे है तो मिल नहीं रहा है।
याचिकाकर्ता मुकेश कुमार नरेटी ने हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत करते हुए बताया है कि वह आदिवासी परिवार से है और ईसाई धर्म को मानता है। पिता की मृत्यु के बाद शव को सार्वजनिक श्मशान गृह में दफनाने ले गया था। लेकिन गांव के लोगों ने आपत्ति की तो मजबूर होकर शव को अपनी निजी भूमि पर ले लाकर दफना दिया। इसके बाद पूर्व विधायक भोजराम नाग, स्थानीय नेता और कुछ ग्रामीणों ने वहां पहुंचकर दबावपूर्वक शव को बाहर निकलवा लिया और उसे अस्पताल के मरच्युरी में रखवा दिया। इसके बाद 6 दिन तक उसे अंतिम संस्कार करने नही दिया। फिर शव को वे किसी अज्ञात जगह पर ले गए और किसी अनजान जगह पर दफना दिया। याचिकाकर्ता ने कहा कि इसकी शिकायत कलेक्टर व पुलिस से की गई थी लेकिन शव को निकालकर गायब करने वालों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई। उसका अपने ग्राम में रहना मुश्किल हो रहा है और उनको कोई सुरक्षा नहीं दी जा रही है। याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने पूर्व विधायक नाग, जिला प्रशासन तथा संबंधित ग्रामीणों को जवाब दाखिल करने कहा है।
हॉस्पिटल के मार्च्युरी से शव गायब, हाईकोर्ट में याचिका पेश, पूर्व विधायक और जिला प्रशासन को नोटिस
