जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में नारंगी रंग का एक दुर्लभ चमगादड़ देखा गया है। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान को चमगादड़ों की विभिन्न प्रजातियों का घर कहा जाता है। वन विभाग द्वारा राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले चमगादड़ों की प्रजातियों का पता लगाने के लिए जल्द ही एक सर्वेक्षण किया जाएगा।
राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक ने बताया कि बस्तर जिले में स्थित कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में पिछले तीन वर्षों में तीसरी बार ‘पेंटेड बैट्स’ नामक चमकीले नारंगी रंग का चमगादड़ देखा गया है। इस वर्ष नारंगी चमगादड़ सोमवार को पराली बोदल गांव में केले के खेत में देखा गया है।
नारंगी रंग के इस चमगादड़ का वैज्ञानिक नाम ‘कैरिवॉला पिक्टा’ है। यह लुप्त होती प्रजाति है तथा आमतौर पर यह बांग्लादेश, बर्मा, कंबोडिया, चीन, भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड और वियतनाम में देखा जाता है।
भारत में यह अब तक पश्चिमी घाट, केरल, महाराष्ट्र, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ के कांगेर घाटी में देखा गया है। इससे पहले यह 2020 और 2022 में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में देखा गया था। ये चमगादड़ सूखे इलाकों में रहना ज़्यादा पसंद करते हैं तथा केले पत्तों के नीचे विश्राम करते हैं। पेंटेड बैट एरियल हॉकर है मतलब यह हवा में उड़ते हुए ही कीड़े पकड़ते हैं।
‘पेंटेड बैट्स’ की विशेषता चमकीले नारंगी और काले पंख तथा पीठ पर घने नारंगी फर है। उनके चेहरे पर बड़े-बड़े बाल होते हैं तथा कान बड़े और कीप के आकार के होते हैं। भारत में चमगादड़ों की लगभग 131 प्रजातियां हैं, जिनमें से 31 मध्य भारत में पाई जाती हैं।
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान अपनी चूना पत्थर की गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है जो चमगादड़ों को उपयुक्त आवास प्रदान करता है। जीव विविधता सर्वेक्षण के दौरान बस्तर जिले में चमगादड़ों की 20 प्रजातियों की सूचना मिली थी। जिनमें से ज्यादातर कांगेर घाटी में थी।