सेंगोल को कभी आनंद भवन में नहीं रखा गया था, भाजपा कर रही है दुष्प्रचार- विकास उपाध्याय

रायपुर। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने कहा 28 मई को संसद में स्थापित सेंगोल पर जवाहरलाल नेहरू की छड़ी के रूप में “गलत लेबल” लगाए जाने की खबरों के संदर्भ में इलाहाबाद संग्रहालय के एक सेवानिवृत्त क्यूरेटर डॉ. ओंकार आनंद राव वानखेड़े ने ‘द वायर’ को दिए वक्तव्य में बताया कि जो छड़ी यहां प्रदर्शित की गई थी, उस पर इलाहाबाद संग्रहालय ने शीर्षक केवल “गोल्डन स्टिक” दर्ज किया था। भाजपा झूठा दावा कर रही है कि छड़ी को “नेहरू की छड़ी” के रूप में लेबल किया गया था और इसे आनंद भवन में रखा गया था।

विकास उपाध्याय ने बताया पूर्व क्यूरेटर, डॉ ओंकार राव वानखेड़े ने आगे जानकारी दी है कि “यहां तक ​​कि विवरण में जवाहरलाल नेहरू शब्द का उल्लेख भी नहीं किया गया था,” वे कहते हैं, “हमारा काम, बस यह वर्णन करना है कि किस वस्तु या ऑब्जेक्ट को प्रदर्शित किया जा रहा है। इसलिए सेगोल को ‘सुनहरी छड़ी’ के नाम से प्रदर्शित किया गया। संग्रहालय में रखी गई, वस्तु की व्याख्या का कार्य इतिहासकार या अन्य विशेषज्ञों का होता है।”

वे आगे कहते हैं, “यही कारण है कि हमारे पहले क्यूरेटर और बाद में निदेशक, एस.सी. काला, जिन्होंने लगभग 1948 से 1952 तक संग्रहालय में प्राप्त हुए, उपहार की सूची बनाई थी, ने उसमें, इसे केवल गोल्डन स्टिक के रूप में रजिस्टर में दर्ज किया। तब से, यही वह नाम, सभी आधिकारिक रिकॉर्ड में अंकित है। यह छड़ी कभी भी, नेहरू-गांधी परिवार के घर, आनंद भवन में नहीं रखी गई, बल्कि इसे दिल्ली से सीधे लाकर इलाहाबाद संग्रहालय में रखा गया था।”

विकास उपाध्याय ने कहा यहीं सवाल उठता है कि इस छड़ी को जवाहरलाल नेहरू की छड़ी कब से कहा जाने लगा? क्योंकि एक फोटो ऐसी सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें इसे ‘जवाहरलाल नेहरू की सुनहरी छड़ी’ कहा गया है। इस फोटो को और कोई नहीं बल्कि बीजेपी के द्वारा साझा किया जा रहा है।

उन्होंने आगे कहा 28 मई को समारोह के तुरंत बाद उपस्थित अतिथियों को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था “प्रयागराज के आनंद भवन में ‘चलने वाली छड़ी (वाकिंग स्टिक) के रूप में सेंगोल को रखा गया था। अब सरकार ने इसे आनंद भवन से बाहर कर दिया है।” जबकि सत्यता यह है कि, 4.6 फीट लंबा सेंगोल राष्ट्रीय संग्रहालय में नवंबर 2022 से रखा गया है। इसे राज्यपाल उत्तर प्रदेश आनंदी बेन पटेल की औपचारिक अनुमति के बाद दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय में भेजा गया था।

विकास उपाध्याय ने कहा सेंगोल को लेकर कई खबरें और भ्रांतियां फैलाई गई है। लॉर्ड माउंटबेटन से लेकर चोल राजदंड से होते हुए सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में तरह-तरह की खबरें फैल रही है। झूठ का कुहासा छंट रहा है और सच अब सामने आ रहा है। जब मिथ्या वाचन और दुष्प्रचार स्थाई रणनीति बन जाती है तो हर भाषण व हर वक्तव्य में झूठ का अंश स्वाभाविक रूप से आ जाता है।

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