रायपुर। राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन आज राजभवन में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित योग शिविर मेें शामिल हुए। उन्होंने राजभवन के अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ मिलकर योगासन और प्राणायाम भी किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष ज्ञानेश शर्मा, राज्यपाल के सचिव अमृत खलखो भी उपस्थित थे।
राज्यपाल हरिचंदन ने इस अवसर पर कहा कि योग भारत की एक प्राचीन कला है जो हजारों वर्षों से अस्तित्व में है। किन्तु इसे जन ख्याति तब मिली जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर, संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2015 में 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। तब से सारे विश्व में लोग न सिर्फ इसे जानने लगे हैं बल्कि लोगों में योग के प्रति रूचि भी बढ़ी है। योग दिवस के माध्यम से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग के लाभ के बारे में जागरूकता आई है। योग आध्यात्मिक अनुशासन एवं अत्यन्त सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित ज्ञान है जो मन और शरीर के बीच सामंजस्य स्थापित करता है। यह स्वस्थ जीवन जीने की कला है।
इस अवसर पर योग आयोग के अध्यक्ष ज्ञानेश शर्मा ने कहा कि योगाभ्यास केवल औपचारिकता न रहे बल्कि इसे अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाना चाहिए। योग आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ में अनेक स्थानों पर नियमित रूप से निःशुल्क योग शिविर आयोजित किये जा रहे हैं।
योगाभ्यास में विधिक सलाहकार राजेश श्रीवास्तव, उपसचिव दीपक अग्रवाल सहित राजभवन के अधिकारियों, कर्मचारियों ने बड़े उत्साह से भाग लिया। इस अवसर पर योग प्रशिक्षक आनंद साहू, भोजराज साहू के नेतृत्व में उनकी टीम ने योगाभ्यास कराया। राज्यपाल ने योग प्रशिक्षकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस : योग स्वस्थ जीवन जीने की कला – राज्यपाल हरिचंदन
