अब ब्लड कैंसर और बोनमेरो कैंसर से जूझ रहे मरीज जल्द ही ठीक हो सकते हैं। अमेरिकी वैज्ञानिकों की एक टीम ने कुछ ऐसी संभावित दवाइयों की खोज की है जो कुछ खास तरह के खून और बोन मैरो (अस्थि मज्जा) के कैंसर के उपचार में कारगर साबित हो सकती हैं। इन दवाइयों की खोज प्रतिष्ठित क्लीवलैंड क्लीनिक के वैज्ञानिकों के एक समूह ने की है, जिसमें एक भारतीय अमेरिकी वैज्ञानिक भी शामिल है।
ब्लड कैंसर डिस्कवरी प्रकाशित हुई शोध
ब्लड कैंसर डिस्कवरी के ताजा संस्करण में पहली बार प्रकाशित हुआ और दशक भर चला यह अनुसंधान क्लीवलैंड क्लीनिक डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसलेशनल हेमटोलॉजी एंड ओंकोलॉजी रिसर्च के जारोसलॉ मैकीजेवस्की और उनके सहयोगी बबल कांत झा ने किया है। वैज्ञानिकों के अध्ययन में ‘ल्यूकेमिया’ कोशिकाओं को तरजीही तौर पर निशाना बनाने और उनका उन्मूलन करने की एक नयी औषधीय रणनीति पर काम किया गया।
दशकों से रिसर्च कर रहे थे वैज्ञानिक
ल्यूकेमिया एक है, जो शरीर में श्वेत कोशिकाओं की संख्या बढ़ने से होता है। वहीं, माईलोइड ल्यूकेमिया ऐसा कैंसर है जो अस्थि मज्जा की रक्त बनाने वाली कोशिकाओं में शुरू होता है। माईलोइड ल्यूकेमिया की प्रमुख वजह टीईटी2 जीन में पाई गई, जिस पर दोनों वैज्ञानिकों ने पिछले दशक में अनुसंधान किया था।
कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करेंगे कृत्रिम अणु
डॉ मैकीजेवस्की ने कहा कि हमनें पाया कि टीईटीआई76 नाम का एक कृत्रिम अणु घातक कैंसर कोशिकाओं को रोग के शुरूआती चरण में निशाना बनाने और उन्हें नष्ट करने में सक्षम है…। वहीं, झा ने कहा कि हमनें 2 एचजी (2-हाइड्रोक्सीग्लुटरेट) की प्राकृतिक जैविक क्षमताओं से सबक लिया। हमनें अणु का अध्ययन किया और एक अनूठा छोटा अणु बनाया।
कैंसर के रोगियों के वरदान साबित होगी यह रिसर्च
क्लीवलैंड क्लीनिक ने कहा है कि आगे के अध्ययन रोगियों में छोटे अणु के कैंसर से लड़ने की क्षमताओं की जांच करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे। झा ने कहा कि हम अपने अनुसंधान के नतीजों के बारे में आशावादी हैं, जिसने न सिर्फ यह प्रदर्शित किया है कि टीईटी2 म्यूटेशन के साथ कोशिकाओं की वृद्धि और प्रसार को रोका जा सकता है बल्कि सामान्य स्टेम और जैविक कोशिकाओं को जीवित रखने में मदद करता है।