कोरोना की नई स्ट्रेन से US में भी दहशत, ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों को रखना होगा कोविड निगेटिव सर्टिफिकेट

अटलांटा
के कारण अपने 3 लाख से ज्यादा लोगों को खो चुका अमेरिका अब इसकी नई स्ट्रेन से खासा सतर्क है। इस कारण अमेरिकी प्रशासन ने ब्रिटेन से आने वाले सभी यात्रियों को उड़ान से पहले कोरोना निगेटिव होने का सर्टिफिकेट रखने को कहा है। अमेरिका से पहले भी कई देश ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया प्रकार सामने आने के बाद वहां से अपने यहां आने वाले यात्रियों के लिए प्रतिबंधों की घोषणा कर चुके हैं।

बिना सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा टिकट
अमेरिकी बीमारी नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने कहा कि ब्रिटेन से आने वाले हवाई यात्रियों को अपनी यात्रा के तीन दिन के भीतर कोविड-19 मुक्त होने का प्रमाणपत्र हासिल कर परिणाम एअरलाइन को उपलब्ध कराना होगा। सीडीसी ने कहा कि इससे संबंधित आदेश पर शुक्रवार को हस्ताक्षर किए जाएंगे और यह सोमवार से प्रभावी होगा।

नए स्ट्रेन की खबर से दुनियाभर में ऐहतियात बढ़ा
ब्रिटेन में मिलने की खबर आते ही दुनियाभर में एहतियात बढ़ गए हैं। भारत उन देशों में शामिल है जहां यूके से आने वाले यात्रियों की हवाई अड्डे पर ही सघन जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि म्यूटेशन के कारण कोरोना के नए स्ट्रेन बन रहे हैं।

नए स्‍ट्रेन से दुनियाभर में क्‍यों मचा है हड़कंप?
कोरोना का यह नए स्‍ट्रेन बेहद संक्रामक बताया जा रहा है। वैज्ञानिकों ने इस नए वायरस का नाम B.1.1.7. रखा है। अधिकारियों का कहना है कि यह वायरस 70% ज्यादा तेजी से फैलता है। ब्रिटेन के कई हिस्‍से सख्‍त लॉकडाउन में चले गए हैं जबकि वहां क्रिसमस का मौका है। नए वैरियंट पर अमेरिका, यूके समेत कई देशों में रिसर्च जारी है।

कोरोना के नए स्ट्रेन पर डब्लूएचओ ने यह कहा
कोरोना वायरस के अत्याधिक संक्रमण वाले स्ट्रेन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि यह वायरस के विकास का एक हिस्सा है। इसलिए, इस नए सुपरस्प्रेडर स्ट्रेन से घबराने की जरूरत नहीं है। डब्लूएचओ के आपातकालीन मामलों के प्रमुख माइक रेयान ने एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा कि इस मुद्दे पर पारदर्शिता का होना बहुत जरूरी है, जनता को जिस तरह से है, उसे बताना बहुत जरूरी है, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि यह वायरस के विकास का एक सामान्य हिस्सा है।

डब्लूएचओ ने नए स्ट्रेन को घातक मानने से किया इनकार
डब्लूचओ ने इस वायरस को कोरोना वायरस के मौजूदा स्ट्रेन से घातक मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने ब्रिटेन के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि हमारे पास कोई सबूत नहीं है कि वैरिएंट कोरोना वायरस के मौजूदा स्ट्रेन की तुलना में लोगों को अधिक बीमार कर रहा है या अधिक घातक है। हालांकि, यह अधिक आसानी से फैलता हुआ प्रतीत होता है।

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