रायपुर। द. आई. सी. एफ. ए. आई विश्वविद्यालय रायपुर शिक्षा संकाय के तत्वाधान में ‘ब्लूम टेक्सोनामी के शैक्षिक उद्देश्य’ विषय पर दिनांक 28 से 29 दिसम्बर 2023 को दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.पी.दुबे, मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. श्रवण कुमार शिक्षा संकाय लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ, कुलसचिव प्रो. मनीष उपाध्याय, शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो. के किशोर कुमार, कार्यक्रम के संयोजक डॉ. शिव नारायण, समस्त संकाय के शिक्षकगण एवं शिक्षक प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे। कार्यशाला का प्रारंभ भारतीय संस्कृति का पालन करते हुए दीप प्रज्जवलन से किया गया।
कुलपति ने अपने वक्तव्य में कहा कि ब्लूम टेक्सोनामी शिक्षा के उद्देश्यों को व्यवस्थित तरीके से लिखने, शैक्षिक सिद्धांतों को बनाने, छात्रों के सीखने में महत्वपूर्ण योगदान देती है। कार्यक्रम के संयोजक डॉ.शिव नारायण ने ब्लूम टेक्सोनामी के शैक्षिक उद्देश्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यशाला के मुख्य वक्ता प्रो.श्रवण कुमार ने प्रथम दिन के अपने व्याख्यान में ब्लूम टेक्सोनामी के सैद्धांतिक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि टेक्सोनामी का अर्थ है वर्गीकरण। इस टेक्सोनामी को बी.एस.ब्लूम और उनके सहयोगियों द्वारा 1956 में विकसित किया गया। उनके नाम पर ब्लूम टेक्सोनामी रखा गया। इस टेक्सोनामी के तीन वर्गीकरण हैं – ज्ञानात्मक ,भावात्मक, क्रियात्मक। तीनों का सम्बन्ध मनुष्य के मस्तिष्क, हृदय और हाथ से है। शिक्षण उद्देश्यपूर्ण अधिगम प्रक्रिया है जिसके द्वारा छात्रों के व्यवहार में परिवर्तन लाने का प्रयास किया जाता है। यह अधिगम हम मष्तिष्क ,हृदय और हाथ के द्वारा करते हैं। इसका प्रयोग कर एक शिक्षक और प्रशिक्षणार्थी अपनी पाठ योजना के उद्देश्यों को व्यवस्थित तरीके से लिखकर अपने शिक्षण कार्य में पारंगत हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि बी.एस.ब्लूम छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए बौद्धिक विकास पर अधिक बल देते हैं। कार्यशाला के द्वितीय दिन में अथिति वक्ता प्रो.श्रवण कुमार ने ब्लूम टेक्सोनोमी के प्रायोगिक पक्ष पर चर्चा की। जिसमें उद्देश्यों को लिखने में ‘एक्सन वर्ब’ की महत्ता के बारे में विस्तृत जानकारी दी। जिसके द्वारा उद्देश्यों का प्रारूप तैयार करने में छात्राध्यापकों और शिक्षकों को सहायता होती है। बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों को एक शीर्षक देकर उसके उद्देश्य बनाने का निर्देश दिया गया। प्रशिक्षणार्थियों द्वारा उद्देश्यों का निर्माण और लेखन व्यवस्थित तरीके से किया गया। इस कार्य शाला में शिक्षकों और प्रशिक्षणार्थियों को सैद्धांतिक और व्यावहारिक तरीके से बौद्धिक क्षमता के विकास का अवसर प्राप्त हुआ। इस अवसर पर शिक्षा संकाय के समस्त सहायक प्राध्यापक सीमा, कविता शर्मा, अनीता पाण्डेय, वर्षा रानी ,डॉ.दीपिका चटर्जी और विद्यार्थी ऑनलाइन और ऑफलाइन रूप से उपस्थित रहे।