देश में कोविड टीकाकरण अभियान के पहले चरण की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बीच सरकार एक मौका लेकर आई है कि वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन में आप भी शामिल हो सकें। सरकार वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को मजबूत करना चाहती है। कोविड टीकाकरण कार्यक्रम को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए सरकार एक ‘चैलेंज’ लेकर आई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय चाहते हैं कि देश के स्टार्ट-अप्स और तकनीकी विशेषज्ञ वैक्सीन वितरण में आने वाली चुनौतियों के हल खोजें। यह कदम कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (Co-WIN) को मजबूत बनाने की कवायद का हिस्सा है। पूरे देश में Co-WIN के जरिए ही वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन किया जाएगा।
Corona vaccine distribution in India: सरकार चाहती है कि कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क यानी Co-WIN को और मजबूत बनाया जाए। इसके लिए एक कॉम्प्टीशन ऑर्गनाइज किया जा रहा है।
देश में कोविड टीकाकरण अभियान के पहले चरण की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बीच सरकार एक मौका लेकर आई है कि वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन में आप भी शामिल हो सकें। सरकार वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को मजबूत करना चाहती है। कोविड टीकाकरण कार्यक्रम को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए सरकार एक ‘चैलेंज’ लेकर आई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय चाहते हैं कि देश के स्टार्ट-अप्स और तकनीकी विशेषज्ञ वैक्सीन वितरण में आने वाली चुनौतियों के हल खोजें। यह कदम कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (Co-WIN) को मजबूत बनाने की कवायद का हिस्सा है। पूरे देश में Co-WIN के जरिए ही वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन किया जाएगा।
इन एरियाज में आएंगी चुनौतियां, ढूंढना होगा हल
हेल्थ मिनिस्ट्री ने टेक्नॉलजी डिवेलपमेंट के सात फोकस एरियाज की पहचान की है जो प्रभावी वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन और एडमिनिस्ट्रेशन में दिक्कत पैदा कर सकते हैं। इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजी मिनिस्ट्री के सीनियर डायरेक्टर अजय गर्ग ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में बताया कि ये चुनौतियां किन एरियाज में हैं। उनके मुताबिक प्रमुख एरियाज इस प्रकार हैं:
इन्फ्रास्ट्रक्चर
मॉनिटरिंग ऐंड मैनेजमेंट
डायनैमिक लर्निंग ऐंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स
मानव संसाधनों की सीमाएं (तकनीकी क्षमताएं भी)
वैक्सीन लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट
टीकाकरण के बाद रियल टाइम बेसिस पर किसी प्रतिकूल प्रभाव के लिए लाभार्थियों की ट्रैकिंग
15 जनवरी तक करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन
यह चैलेंज 22 दिसंबर को लॉन्च किया गया था। भारतीय टेक स्टार्ट-अन्स के लिए बने एक प्लेटफॉर्म पर यह चैलेंज उपलब्ध है। Co-WIN प्लेटफॉर्म को बेहतर बनाने और बढ़ाने के लिए स्टार्ट-अप्स और तकनीकी विशेषज्ञों से पार्टिसिपेट करने को कहा गया है। रजिस्ट्रेशन 15 जनवरी तक ओपन रहेंगे।
40 लाख रुपये जीत सकते हैं इनाम
टॉप 5 अप्लिकेंट्स को Co-WIN अप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस दिया जाएगा ताकि वह अपने आइडिया को प्लेटफॉर्म के साथ इंटीग्रेट करके देख सकें। हर शॉर्टलिस्टेड अप्लिकेंट को लॉजिस्टिकल जरूरतों के लिए 2 लाख रुपये दिए जाएंगे। फाइनल में दो विजेता होंगे जिनमें से फर्स्ट को 40 लाख और रनरअप को 20 लाख रुपये इनाम मिलेगा।