चीन को ITBP का चैलेंज- एक मौका तो दो, हम बहादुरी दिखाने के लिए तैयार बैठे हैं

तवांग
पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना को नाकों चने चबवा चुके भारतीय जवानों के हौसले बुलंद हैं। अरुणाचल प्रदेश के संवेदनशील तवांग सेक्‍टर में तैनात इंडो-तिब्‍बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) के जवान कहते हैं कि उनकी तैयारी पूरी है। लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (LAC) पर उनकी पैनी नजर है और चीन इस सेक्‍टर में कोई चालबाजी नहीं कर पाएगा। एएनआई की टीम ने फॉरवर्ड एरियाज का दौरा किया है। यहां की एक लोकेशन पर ITBP की 55वीं बटालियन के कमांडर कमांडेंट आईबी झा ने कहा, “जब ऐसी घटनाएं (पूर्वी लद्दाख में चीन का अतिक्रमण) होती हैं तो हमें हाई अलर्ट मोड पर रहना होता है ताकि कोई अनचाही घटना न हो सके और कोई सरप्राइज न हो।”

‘बहादुरी दिखाने के लिए तैयार बैठे हैं’झा ने कहा, “हम लोगों का देश को आश्‍वासन है कि मातृभूमि पर किसी भी तरह की आंच नहीं आने देनी है। सबसे मजेदार चीज ये है कि वहां पर (पूर्वी लद्दाख में) ITBP के जवानों ने जमकर लोहा लिया था। मेरे जवान हैं, उनके मन में ये भावना है कि साहब उनको मौका मिल गया, हमको नहीं मिला। तैयारी इस लेवल की हमारी है कि अगर मौका मिलेगा तो जो बहादुरी वहां पर उन्‍होंने दिखाई है, उससे बढ़-चढ़कर बहादुरी दिखाने के लिए लोग यहां पर तैयार बैठे हुए हैं।”

ITBP ने चीन के साथ जारी सीमा विवाद में अहम भूमिका निभाई है। पूर्वी लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश में LAC पर उसके जवान मौजूद हैं। पैंगोंग झील के पास हुई कई झड़पों में ITBP जवानों का कई बार चीनी सैनिकों से सामना हुआ। आमने-सामने की लड़ाई में कम संख्‍या होने के बावजूद, उन्‍होंने चीनी सैनिकों को आगे बढ़ने से रोक दिया। कमांडेंट झा के मुताबिक, अप्रैल-मई में ITBP जवानों ने जो बहादुरी दिखाई, उससे अरुणाचल सेक्‍टर में तैनात जवान खासे प्रेरित हुए हैं।

आखिरी पॉइंट तक जा सकती हैं सेना की गाड़‍ियांएएनआई की टीम जीरो पॉइंट के करीब तक गई जहां से चीनी सड़कें आसानी से देखी जा सकती थीं। ITBP जवानों की पैट्रोलिंग के बारे में बताते हुए कमांडेंट झा ने कहा कि पिछले कुछ सालों में जो इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर डिवेलप हुआ है, उससे अब भारतीय सैनिक तवांग सेक्‍टर में जीरो पॉइंट के काफी करीब तक पहुंच सकते हैं। उन्‍होंने कहा, “चाहे कपड़ों की बात हो या इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर की, हाल के दिनों में इसपर काफी काम हुआ है। जैसा कि आप देख सकते हैं कि हमारी गाड़‍ियां आखिरी पॉइंट तक जा सकती हैं, इससे बिना देरी के जवाब देने में मदद मिलती है।”

तवांग सेक्‍टर LAC के सबसे संवेदनशील सेक्‍टर्स में से एक है। 1962 की जंग में यहां के जरिए चीनी सैनिक काफी अंदर तक घुस आए थे। अब यहां भारतीय सेना की एक पूरी कोर तैनात है ताकि चीन की किसी भी नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके। तेजपुर बेस्‍ड गजराज कोर के लगभग सभी फॉर्मेशंस इसी सेक्‍टर में फैले हुए हैं। ITBP और सेना के बीच का कोऑर्डिनेशन भी बेहतरीन है।

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